लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने महागठबंधन पर ऐसा बयान दे दिया है जिसने विपक्षी खेमे में हलचल तेज कर दी है। कांग्रेस के चार विधायकों के महागठबंधन की अहम बैठक से अनुपस्थित रहने के बाद चिराग पासवान ने दावा किया कि विपक्ष अब पूरी तरह बिखर चुका है और कई विधायक एनडीए के संपर्क में हैं। उनके इस बयान ने राज्य के सियासी गलियारों में नए समीकरणों की सुगबुगाहट को और तेज कर दिया है।
चिराग पासवान के मुताबिक, विपक्षी विधायक समय-समय पर उनके संपर्क में आते रहे हैं और अब उन्हें स्पष्ट दिखने लगा है कि अपने क्षेत्र के विकास और राजनीतिक भविष्य के लिए एनडीए ही एक स्थायी और मजबूत रास्ता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास सोच और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुभवपूर्ण नेतृत्व को देखते हुए कई विधायकों की इच्छा है कि वे इस स्थिर राजनीतिक छतरी के नीचे आ जाएं। हालांकि चिराग पासवान ने यह खुलासा नहीं किया कि कौन-कौन विधायक पाला बदल सकते हैं, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि विपक्ष में जारी असंतोष अब किसी बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत बन सकता है।
कांग्रेस विधायकों की गैरमौजूदगी पर चिराग पासवान ने विपक्ष पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि महागठबंधन अब सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गया है। उनके अनुसार, विपक्ष में विश्वास और नेतृत्व की कमी इतनी बढ़ चुकी है कि अपने ही विधायक पार्टी की बैठकों में शामिल होना जरूरी नहीं समझ रहे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दृष्टि से यह स्थिति साफ संदेश देती है कि आने वाले समय में विपक्षी खेमे में और बड़ी टूट संभव है।
विधानसभा और लोकसभा सत्र शुरू होने से पहले चिराग पासवान ने दावा किया कि बिहार और केंद्र में एनडीए को मिली प्रचंड जीत जनता के विश्वास का प्रमाण है और उनकी सरकार विकास के एजेंडे पर पूरी मजबूती से आगे बढ़ रही है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ काम में रोड़ा अटकाना है, मगर एनडीए इससे विचलित होने वाला नहीं। चिराग ने दोहराया कि विपक्ष पूरी तरह से धराशाई हो चुका है और जनता भी अब इस अंतर को साफ समझ रही है।






















