बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav 2025) की घोषणा होते ही राज्य की राजनीति में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के उसी दिन कांग्रेस विधायक मुरारी प्रसाद गौतम के इस्तीफे को विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूरी दे दी। यह फैसला न केवल कांग्रेस के लिए झटका है, बल्कि आगामी चुनाव में नए राजनीतिक समीकरणों का संकेत भी देता है।
मुरारी प्रसाद गौतम रोहतास जिले की चेनारी विधानसभा सीट से 2020 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के ललन पासवान को 18,003 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया था। इस जीत ने कांग्रेस को उस वक्त दलित बहुल इलाकों में नई उम्मीद दी थी। लेकिन सत्ता समीकरण बदलते ही मुरारी गौतम की राजनीतिक दिशा भी बदल गई।
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2020 में बनी NDA सरकार के बाद जब 2022 में महागठबंधन सरकार का गठन हुआ, तब गौतम कांग्रेस कोटे से मंत्री बने। हालांकि, फरवरी 2024 में जब महागठबंधन सरकार गिर गई और नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ नई सरकार बनाई, तो फ्लोर टेस्ट के दौरान मुरारी प्रसाद गौतम ने सत्तापक्ष यानी राजग (NDA) के समर्थन में वोट कर सबको चौंका दिया। उनके इस कदम के बाद से ही उनके बीजेपी से नजदीकियों की चर्चा शुरू हो गई थी, जिसे अब उनका इस्तीफा और पुख्ता कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित चेनारी सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है और मुरारी प्रसाद गौतम को उस सीट से टिकट मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है। पार्टी के अंदर इस पर चर्चा जोरों पर है और माना जा रहा है कि उनके दल बदल की औपचारिक घोषणा जल्द ही हो सकती है।






















