बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav 2025) की तारीखों के ऐलान के बाद सूबे की सियासत में हलचल चरम पर है। राजनीतिक दलों ने जहां चुनावी बिगुल बजते ही अपनी रणनीतियों को तेज कर दिया है, वहीं एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान अब सार्वजनिक होती जा रही है। सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी और जेडीयू के बीच अभी तक सीटों का फॉर्मूला तय नहीं हो सका है, जबकि एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की सीटों की डिमांड ने इस समीकरण को और पेचीदा बना दिया है।
NDA छोड़ प्रशांत किशोर के साथ जाएंगे चिराग पासवान..! सीटों पर नहीं बन रही बात
हालांकि, एनडीए और इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) दोनों के नेता दावा कर रहे हैं कि सब कुछ तय हो चुका है और कोई मतभेद नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि अभी तक किसी भी गठबंधन की ओर से सीट बंटवारे को लेकर कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है। इसका मतलब साफ है — अंदरखाने बातचीत जारी है और पेंच अब भी फंसा हुआ है।
इस बीच दिल्ली में चिराग पासवान के आवास पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, और मंत्री मंगल पांडे पहुंचे। यह मुलाकात ऐसे वक्त हुई जब चिराग पासवान लगातार “सम्मानजनक सीट शेयरिंग” की बात दोहरा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, चिराग ने इस बैठक में अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए कुछ खास सीटों की मांग रखी।

माना जा रहा है कि चिराग पासवान 30 सीटों की डिमांड पर अड़े हुए हैं। इससे पहले उनके सांसद अरुण भारती ने कहा था कि एलजेपी (रामविलास) को 45 से 137 सीटों के बीच में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। यह बयान खुद बताता है कि पार्टी अब सिर्फ प्रतीकात्मक उपस्थिति नहीं, बल्कि ठोस राजनीतिक स्पेस चाहती है।
धर्मेंद्र प्रधान ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि “चिराग पासवान से अच्छी बातचीत हुई है।” हालांकि सूत्रों का कहना है कि बातचीत के बावजूद मामला अब भी अधर में है। बीजेपी नेतृत्व अब चिराग की मांगों को लेकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करेगा और फिर एक बार चिराग से मुलाकात की जाएगी।






















