बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav 2025) से पहले राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है। इसी बीच मंगलवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने राज्य सरकार पर प्रशासनिक अधिकारियों के मनमाने तबादले का गंभीर आरोप लगाया। आरजेडी ने बैठक में एक लिखित ज्ञापन सौंपकर इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
आरजेडी ने अपने ज्ञापन में कहा कि चुनावी प्रक्रिया से जुड़े कई प्रशासनिक अधिकारियों का राजनीतिक दबाव में तबादला किया गया है। इनमें से कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं, जिनकी पोस्टिंग मात्र 45 दिन पहले ही हुई थी, फिर भी उन्हें हटा दिया गया। पार्टी ने इसे “चुनावी निष्पक्षता के साथ छेड़छाड़” करार देते हुए कहा कि ऐसे कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
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बैठक के दौरान आरजेडी और महागठबंधन के अन्य दलों ने एक और अहम मुद्दा उठाया—SIR (Special Intensive Revision) की अंतिम मतदाता सूची में “विदेशी घुसपैठियों” के कथित दावों का। आरजेडी प्रतिनिधियों ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से पूछा कि “अब तक SIR प्रक्रिया में कितने विदेशी घुसपैठिए पाए गए हैं?” उन्होंने कहा कि यदि एक भी विदेशी मतदाता का नाम सूची में नहीं मिला, तो जो नेता बार-बार मंचों से घुसपैठिए का मुद्दा उठाकर समाज में भ्रम फैला रहे हैं, उनके खिलाफ चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए।
पार्टी ने यह भी मांग की कि अमर्यादित टिप्पणियों और व्यक्तिगत आक्षेपों पर भी चुनाव आयोग को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए ताकि प्रचार अभियान मर्यादित और निष्पक्ष रह सके। इस बैठक में आरजेडी की ओर से सांसद सुधाकर सिंह, अभय कुशवाहा, प्रवक्ता चित्तरंजन गगन और महासचिव मुकुंद सिंह शामिल हुए। इसके अलावा कांग्रेस, भाजपा, जदयू, भाकपा माले, सीपीएम, सीपीआई, लोजपा (रामविलास), लोजपा (राष्ट्रीय) और बसपा के प्रतिनिधि भी बैठक में उपस्थित थे।






















