बिहार में महागठबंधन के चार घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर असमंजस बढ़ता जा रहा है। इस बीच झारखंड के सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्रों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अपनी संभावना का आकलन करने लगा है। इस बीच सूत्रों से जानकारी मिली है कि झामुमो ने राजद के सामने 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी है। झामुमो की बिहार में पसंदीदा सीटें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, बांका, पीरपैंती, रामपुर, ठाकुरगंज, रूपौली, बनमनखी, जमालपुर, झाझा, चकाई है।
NDA महासागर में डुबकी लगाना चाहते हैं सहनी.. पूर्व डिप्टी सीएम ने बिहार चुनाव को लेकर किया खुलासा
इससे राजद की चिंता बढ़ी हुई है, क्योंकि उन क्षेत्रों से उसे इस बार बड़ी आशा है। ऐसे में प्रयास यह है कि झामुमो को किसी तरह बिहार से दूर रहने के लिए मना लिया जाए। हालांकि, झारखंड के चुनाव में सहयोगी राजद ने जिस तरह दावेदारी की थी, उसे लेकर इसकी संभावना कम है कि झामुमो अपने कदम पीछे खींच ले। राजद झारखंड में झामुमो का पुराना सहयोगी है। झामुमो को भी बिहार में ऐसी ही भूमिका की अपेक्षा रही है। उसके लिए वह एक दशक से प्रयासरत है, लेकिन बात कभी बनी नहीं।
प्रशांत के शशांक ने थामा कांग्रेस का हाथ.. PK के आई-पैक में कर चुके हैं काम
2019 में राजद को झारखंड में सात सीटें मिली थीं। एकमात्र चतरा में सत्यानंद भोक्ता सफल रहे थे। 2024 में भी उसे सात सीटें मिलीं। वोट प्रतिशत में वृद्धि के साथ उनमें से चार में वह सफल रहा। झारखंड सरकार में संजय यादव के रूप में हिस्सेदारी भी है। अब झामुमो इसका प्रतिदान झारखंड के सीमावर्ती एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों (तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई) के रूप में चाहता है। महागठबंधन में इनमें से अधिसंख्य पर अभी राजद की दावेदारी है।