Bihar CM Candidate: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में नया तूफान खड़ा हो गया है। निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक के बाद बड़ा बयान देकर सियासी बाजार गर्मा दिया। पप्पू ने कहा कि कांग्रेस के पास भी सीएम पद के मजबूत दावेदार हैं और उन्होंने राजेश राम व तारिक अनवर के नाम स्पष्ट रूप से लिए। इस बयान से महागठबंधन में खासकर तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में बेचैनी फैल गई है।
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पप्पू यादव का बड़ा दावा
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में हुई बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस में सीएम पद के लिए योग्य नेताओं की कोई कमी नहीं है। राजेश राम और तारिक अनवर जैसे अनुभवी नेता इस पद के हकदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे राहुल गांधी के विजन को बिहार के हर कोने तक पहुंचाएंगे। यह बयान सुनकर राजद के नेताओं के चेहरे उतर गए, क्योंकि पार्टी पहले ही तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित कर चुकी है।
राजद नेता ने दिया जवाब, कहा- “तेजस्वी ही हैं और रहेंगे चेहरा”
पप्पू यादव के बयान पर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं और रहेंगे। पप्पू यादव का बयान महत्वहीन है, क्योंकि यह कांग्रेस का आधिकारिक स्टैंड नहीं है। तिवारी ने यह भी साफ किया कि 2020 के चुनाव में भी तेजस्वी ही चेहरा थे और 2025 में भी वही रहेंगे।
पप्पू यादव और तेजस्वी यादव के बीच पुरानी रंजिश
पप्पू यादव और लालू-तेजस्वी परिवार के बीच तनाव नया नहीं है। पिछले लोकसभा चुनाव में पप्पू ने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी (JAP) का कांग्रेस में विलय कर दिया था, लेकिन तेजस्वी यादव ने पूर्णिया सीट कांग्रेस को नहीं दी। इसके बाद पप्पू ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। हाल ही में पटना में हुए चक्का जाम प्रदर्शन के दौरान भी पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को राहुल गांधी के ओपन ट्रक में चढ़ने से रोका गया था, जिसे राजनीतिक अपमान के तौर पर देखा गया।
क्या कांग्रेस और राजद के बीच दरार बढ़ेगी?
पप्पू यादव के इस बयान से सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस और राजद के बीच मतभेद बढ़ेंगे। कांग्रेस ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई सीएम फेस नहीं घोषित किया है, लेकिन राजद पहले ही तेजस्वी को अपना नेता चुन चुकी है। अगर कांग्रेस अलग रुख अपनाती है, तो महागठबंधन में दरार पड़ सकती है, जिसका फायदा एनडीए को मिल सकता है।