Bihar Cold Wave: बिहार इस समय हाड़ कंपा देने वाली ठंड और घने कोहरे की चपेट में है। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का सीधा असर राज्य के मैदानी जिलों में देखने को मिल रहा है। बर्फीली पछुआ हवाओं ने कनकनी को इस कदर बढ़ा दिया है कि दिन में भी लोग ठिठुरने को मजबूर हैं। मौसम विभाग ने हालात की गंभीरता को देखते हुए पूरे प्रदेश के लिए शीतलहर और घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जो कम से कम अगले चार से पांच दिनों तक प्रभावी रहने वाला है।
गुरुवार की सुबह बिहार के कई जिलों में मानो कोहरे की मोटी चादर तनी रही। सुपौल, बांका, बेगूसराय, औरंगाबाद, जहानाबाद और नालंदा में दृश्यता घटकर 10 से 50 मीटर के बीच सिमट गई, जिससे सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। गया में स्थिति और भी चिंताजनक रही, जहां विजिबिलिटी सबसे कम दर्ज की गई। कोहरे के कारण न सिर्फ सड़क यातायात प्रभावित हुआ, बल्कि रेल और हवाई सेवाओं पर भी असर पड़ा, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 25 से 29 दिसंबर के बीच राज्य के कई हिस्सों में भीषण शीतलहर का दौर जारी रहेगा। बीते एक सप्ताह से बिहार में ‘कोल्ड-डे’ जैसी स्थिति बनी हुई है। धूप के लगातार गायब रहने से दिन के तापमान में असामान्य गिरावट दर्ज की जा रही है, जिसके चलते दिन में भी अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि 30 दिसंबर के बाद ही मौसम में हल्का सुधार संभव है, उससे पहले राहत की उम्मीद कम ही है।
ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 24 घंटों में बिहार का औसत न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजधानी पटना में पारा गिरकर 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि कई जिलों में दिन का तापमान भी 9 से 10 डिग्री के आसपास बना हुआ है। यही वजह है कि ‘डे-कोल्ड’ की स्थिति लोगों के लिए ज्यादा परेशानी का सबब बन रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक हवाओं की दिशा में बदलाव नहीं होता और पहाड़ी इलाकों से आने वाली बर्फीली हवाओं की तीव्रता कम नहीं होती, तब तक बिहार को इस कंपकंपाती ठंड से राहत मिलना मुश्किल है।






















