बिहार विधानसभा चुनाव में सिर्फ छह सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस (Bihar Congress) ने अब अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर गहरी सोच शुरू कर दी है। पार्टी ने आज दोपहर 3 बजे इंदिरा भवन, दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, पूर्व CLP नेता, सभी सांसद-विधायक और उन 61 प्रत्याशियों को बुलाया है, जिन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था। यह पहली समेकित बैठक है, जिसमें विधानसभा चुनाव की करारी हार का विश्लेषण और आगे की रणनीति तय की जाएगी। चुनावी नतीजों के बाद प्रदेश के नेताओं के साथ कांग्रेस नेतृत्व की यह पहली बैठक है। इस बैठक में विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा और आगे की रणनीति पर होगी चर्चा। बिहार चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ 6 सीट ही जीती है।
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इस बैठक में जीते हुए छह विधायकों सहित उन सभी 61 प्रत्याशियों को बुलाया गया है, जिन्होंने इस चुनाव में पार्टी का प्रतिनिधित्व किया था। हर प्रत्याशी को अपने क्षेत्र की डिटेल रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि किस वजह से हार का सामना करना पड़ा, स्थानीय स्तर पर कौन से मुद्दे प्रभावी रहे और संगठनात्मक रूप से पार्टी किन मोर्चों पर पिछड़ गई। यह रिपोर्ट चुनावी रणनीति की समीक्षा का आधार बनेंगी।
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कांग्रेस की इस बैठक में यह भी तय होना है कि आगामी पंचायत, लोकसभा व अन्य चुनावों के लिए किन बदलावों की ज़रूरत है। क्या पार्टी को नए विधायकों और उम्मीदवारों की छाँट करनी चाहिए? क्या मौजूदा नेताओं को पुनर्जीवित करना चाहिए? या फिर संगठनात्मक रूप से बिलकुल नया चेहरा जुटाना चाहिए? इसके साथ ही, राजनीतिक दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने के लिए जन-समर्पण, विचार-मंथन, grassroots पुनर्गठन व सोशल मीडिया से जुड़ाव, इन सभी बातों पर गंभीर चर्चा होगी।






















