Bihar Dharmik Nyas Samagam: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पटना स्थित सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के बापू सभागार में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद द्वारा आयोजित धार्मिक न्यास समागम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु-संत, मठों और मंदिरों के प्रमुख तथा गणमान्य लोग मौजूद रहे।
समागम में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद व जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री हरि सहनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष डॉ. रणबीर नंदन सहित कई जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग उपस्थित थे।
मठ–मंदिरों की नई दिशा
इस मौके पर राज्यभर से आए साधु-संतों और मठ-मंदिरों के प्रमुखों ने संकल्प लिया कि अब मठ और मंदिर केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि सामाजिक, आध्यात्मिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
- बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि “संत मिलन से बड़ा सुख कोई नहीं, समाज में गुरु की महत्ता सदैव बनी रहेगी।”
- स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा, “भारत संतों की भूमि रहा है और सनातन परंपरा की सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है।”
- पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, “भारत सांस्कृतिक धरोहरों का देश है और सनातन का सम्मान सदैव किया जाएगा।”
- पुनौरा धाम सीतामढ़ी के महंत कौशल किशोर दास ने बिहार को “मां जानकी की जन्मभूमि” बताते हुए इसे सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक कहा।
रणबीर नंदन का संबोधन
धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष प्रो. रणबीर नंदन ने कहा, “जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माता सीता धाम की परिकल्पना को साकार किया, उसी तरह परिषद सामाजिक चेतना के नए अध्याय की ओर बढ़ रही है। हमारी कामना है कि बिहार और केंद्र में एनडीए सरकार इसी समर्पण और आस्था के साथ आगे बढ़ती रहे।”
उन्होंने पर्षद के नए कार्यालय भवन की मांग रखते हुए उसका नाम ‘तीर्थ भवन’ रखने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि मठ और मंदिरों को शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति और समाज सुधार के सक्रिय केंद्र बनाने की योजना है।
योजनाएं और पहल
प्रो. नंदन ने आगे कहा कि—
- हर मठ और मंदिर में स्वाध्याय केंद्र, पुस्तकालय और नि:शुल्क कोचिंग संस्थान शुरू किए जाएंगे।
- संस्कृत पाठशालाएं और वेदपाठ की नियमित व्यवस्था होगी।
- राज्यभर के मठ और मंदिरों की मौजूदा स्थिति में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
- चारों धाम और प्रमुख तीर्थ स्थलों पर विशेष केंद्र स्थापित करने की योजना है।
सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में परिषद के सदस्य हरिभूषण ठाकुर बचौल, चंदन कुमार सिंह, विश्वमोहन दास, हिमराज राम, शायन कुणाल, आनंद कुमार, दयानंद कुमार, राम बहादुर सिंह, विवेकानंद गिरी, अभिमन्यु कुमार सिंह सहित कई अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
महापौर सीता साहू, भाजपा नेता अनिल शर्मा, समाजसेवी मोहन सिंह, महंत मुरारी दास त्यागी, महंत सुखदेव दास, महंत धनवर दास शास्त्री, कबीरपंथी मनभग दास, महंत विजय शंकर गिरी, महंत चितरंजन गिरी, और पूर्व अध्यक्ष उपेंद्र विद्यार्थी सहित बड़ी संख्या में साधु-संत और सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद थे।






















