बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले शिक्षक अब सीधे शिक्षा मंत्री के सामने विरोध दर्ज कराने लगे हैं। बुधवार को शारीरिक शिक्षकों का आक्रोश उस समय फूट पड़ा जब बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार जदयू के प्रदेश कार्यालय पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने कार्यालय को घेर लिया, मंत्री को निकलने का मौका ही नहीं मिला। हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को बुलाकर शिक्षा मंत्री को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि उन्हें केवल ₹8000 वेतन दिया जा रहा है, जो उनके काम और योग्यता के मुकाबले बेहद कम है। शिक्षा मंत्री जैसे ही कार्यालय पहुंचे, प्रदर्शनकारी वहां पहले से मौजूद थे। उनकी गाड़ी को चारों तरफ से घेर लिया गया और जमकर नारेबाज़ी होने लगी। विवाद इतना बढ़ा कि मंत्री को दो बार कार्यालय के भीतर शरण लेनी पड़ी।
शारीरिक शिक्षकों की मांगें
- स्थायी बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाए
- वेतनमान न्यूनतम ₹25,000 किया जाए
- समान कार्य के लिए समान वेतन मिले
- नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित हो