बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav 2025) की राजनीतिक सरगर्मी अब तेज़ हो गई है। महागठबंधन (Grand Alliance) के घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने आखिरकार अपने उम्मीदवारों की पहली और दूसरी सूची जारी कर दी है। पार्टी ने दोनों चरणों के चुनाव के लिए कुल 20 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, जिसमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग — सभी समुदायों का संतुलन साधने की कोशिश की गई है।
पहले चरण में भाकपा-माले ने 14 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। इनमें भोरे, जीरादेई, दरौली, दरौंडा, कल्याणपुर, वारिसनगर, राजगीर, दीघा, फुलवारी, पालीगंज, आरा, अगिआंव, तरारी और डुमरांव जैसी अहम सीटें शामिल हैं। इन सीटों में से कई महागठबंधन के भीतर दोस्ताना टकराव का मैदान बनने जा रही हैं, क्योंकि अब तक सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति नहीं बन सकी है।
भोरे सीट से धनंजय को पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि इसी सीट से जितेंद्र पासवान ने भी माले के टिकट पर नामांकन दाखिल कर दिया था। पार्टी ने साफ कर दिया है कि आधिकारिक उम्मीदवार धनंजय ही रहेंगे। वहीं, जीरादेई से अमरजीत कुशवाहा, दरौली से सत्यदेव राम, दरौंडा से अमरनाथ यादव, कल्याणपुर से रंजीत कुमार राम, वारिसनगर से फूलबाबू सिंह, राजगीर से विश्वनाथ चौधरी, दीघा से दिव्या गौतम, फुलवारी से गोपाल रविदास, पालीगंज से संदीप सौरभ, आरा से क्यामुदीन अंसारी, अगिआंव से शिव प्रकाश रंजन, तरारी से मदन सिंह, और डुमरांव से अजीत कुमार सिंह मैदान में उतरेंगे।
दूसरे चरण के लिए माले ने छह उम्मीदवारों का ऐलान किया है। सिकटा से वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, पिपरा (सुपौल) से अनिल कुमार, बलरामपुर से महबूब आलम, करकट से अरुण सिंह, अरवल से महानंद सिंह और घोसी से राम बली सिंह यादव चुनावी रणभूमि में उतरेंगे।
माले के इस ऐलान ने न केवल महागठबंधन की रणनीति को नया मोड़ दिया है, बल्कि राजद और कांग्रेस के लिए भी सीट समन्वय की चुनौती बढ़ा दी है। बिहार में माले का प्रभाव खासकर भोजपुर, सारण, सिवान और मगध इलाकों में मजबूत रहा है। पार्टी के उम्मीदवारों की सक्रियता से इन इलाकों में लेफ्ट वोट बैंक की एकजुटता देखने को मिल सकती है।






















