Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गई है। चुनाव आयोग के आदेश के बाद से ही सरकारी कामकाज, राजनीतिक गतिविधियों और प्रचार से जुड़ी कई सीमाएं तय कर दी गई हैं। अब से मतदान की प्रक्रिया पूरी होने तक राज्य सरकार, राजनीतिक दल, उम्मीदवार और आम जनता सभी पर यह नियम सख्ती से लागू रहेंगे।
जैसे ही चुनाव की अधिसूचना जारी हुई, सार्वजनिक स्थलों पर लगे सभी राजनीतिक बैनर, पोस्टर और होर्डिंग हटाने के निर्देश दिए गए। निजी भवनों पर भी अब केवल लिखित अनुमति मिलने के बाद ही राजनीतिक सामग्री लगाई जा सकेगी। अगर किसी ने नियमों की अनदेखी की, तो उनके खिलाफ संपत्ति विरूपण अधिनियम (Defacement of Property Act) के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी।
हर जिले में बनेगी निगरानी टीम
आचार संहिता के उल्लंघन की निगरानी के लिए हर जिले में विशेष टीमें बनाई जा रही हैं, जिनका नेतृत्व संबंधित जिले के एडीएम करेंगे। ये टीमें प्रचार सामग्री, धनबल और अन्य चुनावी गतिविधियों पर नजर रखेंगी।
चुनाव आयोग ने जनता को भी इस निगरानी प्रक्रिया में शामिल किया है। अब ‘सी-विजिल’ मोबाइल एप के जरिए कोई भी नागरिक चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत मिलने के बाद प्रशासन 100 मिनट के भीतर कार्रवाई करेगा। जिला प्रशासन ने राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं को पोस्टर-बैनर हटाने के लिए 24 से 36 घंटे का समय दिया है। इसके बाद अगर कोई प्रचार सामग्री बची पाई गई, तो दोषियों पर एफआईआर होगी और संबंधित कार्यालयों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
धन और बाहुबल पर सख्त निगरानी
चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को भी सक्रिय कर दिया है। आयकर विभाग, आर्थिक अपराध इकाई (EOU), उत्पाद विभाग और पुलिस बल की संयुक्त टीमें नकद लेनदेन, अवैध शराब, नकली नोट और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों पर नजर रखेंगी। पिछले चुनावों के अनुभवों के आधार पर इस बार निगरानी तंत्र को और मजबूत किया गया है ताकि किसी भी तरह का दुरुपयोग न हो।
सरकार पर लगी कई पाबंदियां
आचार संहिता लागू होने के साथ ही सरकार किसी नई योजना की घोषणा नहीं कर सकेगी। पहले से चल रहे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के प्रचार पर भी रोक रहेगी। सरकारी विज्ञापन, होर्डिंग और प्रचार सामग्री तुरंत हटाई जाएगी। मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को अपने निजी कार्यक्रमों में सरकारी वाहनों या संसाधनों के उपयोग की अनुमति नहीं होगी।
इसके अलावा, सरकारी अधिकारियों और कर्मियों के तबादलों पर भी रोक लगा दी गई है। केवल निर्वाचन आयोग की अनुमति मिलने के बाद ही कोई ट्रांसफर या पदस्थापन संभव होगा। सांसद, विधायक और पार्षद फंड से नई योजनाओं की स्वीकृति भी इस अवधि में नहीं दी जाएगी।
राजनीतिक दलों को पालन करने होंगे ये नियम
चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी या उम्मीदवार को धार्मिक स्थलों से प्रचार करने की अनुमति नहीं होगी। धरना-प्रदर्शन, जनसभा या रैली आयोजित करने से पहले प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा, जबकि दिन में भी इसका इस्तेमाल केवल पूर्वानुमति से ही किया जा सकेगा। विज्ञापन या प्रचार सामग्री प्रकाशित करने से पहले जिला प्रशासन की स्वीकृति जरूरी होगी। यह कदम झूठे या भ्रामक प्रचार पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है।
आम जनता के लिए भी जरूरी सावधानियां
आम लोगों को सलाह दी गई है कि वे इस अवधि में अधिक नकदी लेकर न चलें। यदि किसी जरूरी कारण से नकद राशि साथ रखनी हो तो संबंधित दस्तावेज साथ रखें। लाइसेंसी हथियारों का प्रदर्शन भी प्रतिबंधित रहेगा और बिना कारण उन्हें लेकर चलने पर कार्रवाई हो सकती है। सुरक्षा जांच बढ़ाई जाएगी, इसलिए वाहन और पहचान संबंधी कागजात हमेशा साथ रखने की अपील की गई है।
आचार संहिता का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न हों। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की ढिलाई या उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।






















