बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक गतिविधियां अपने चरम पर पहुंचती जा रही हैं। महागठबंधन (Mahagathbandhan) के भीतर सीट बंटवारे की गुत्थी अब सुलझने की दिशा में बढ़ रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस के शीर्ष पर्यवेक्षक और वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल, अधीर रंजन चौधरी और अशोक गहलोत आज पटना पहुंच रहे हैं। तीनों नेता बिहार कांग्रेस नेतृत्व के साथ विस्तृत रणनीति बैठक करेंगे, जिसके बाद महागठबंधन में सीटों के अंतिम बंटवारे को लेकर अहम फैसला हो सकता है।
पटना पहुंचने के बाद सभी वरिष्ठ नेता—जिनमें जयराम रमेश, कृष्णा अल्लावारु, राजेश राम, शकील अहमद खान, मदन मोहन झा और अखिलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं—सदाकत आश्रम में पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। यह बैठक न केवल सीट शेयरिंग को लेकर दिशा तय करेगी, बल्कि बिहार में कांग्रेस के चुनावी अभियान और उम्मीदवारों की सूची पर अंतिम मुहर लगाने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाएगी।
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सूत्रों के मुताबिक, दोपहर 3 बजे कांग्रेस द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राबड़ी देवी के आवास पहुंचकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और अन्य आरजेडी नेताओं से मुलाकात करेगा। माना जा रहा है कि इस बैठक में सीट बंटवारे पर “फाइनल सहमति” बन सकती है।
दिल्ली में हुई हालिया कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक में बिहार की कई विधानसभा सीटों पर चर्चा हुई। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट और गठबंधन पार्टनरों के साथ हुई बातचीत को राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी की मौजूदगी में अंतिम रूप दिया गया। उन्होंने कहा, “हमने बिहार की सीटों पर विस्तृत चर्चा की है और अब लगभग सभी सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची तैयार है। बहुत जल्द इसे सार्वजनिक किया जाएगा।”
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राजेश राम ने यह भी संकेत दिया कि महागठबंधन में तालमेल लगभग तय हो चुका है, केवल कुछ सीटों पर नई राजनीतिक पार्टियों के लिए जगह रखी गई है। उन्होंने कहा कि “हमने अपने पुराने सहयोगियों के साथ समन्वय बना लिया है, अब बस कुछ क्षेत्रों में अंतिम निर्णय बाकी है, जो अगले कुछ दिनों में हो जाएगा।”
मुकेश सहनी के डिप्टी सीएम बनने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजेश राम ने कहा कि “हर पार्टी को अपनी बात रखने का हक है। कौन क्या मांगता है, यह उसका अधिकार है, लेकिन गठबंधन के भीतर सीट बंटवारा आपसी सहमति से होगा।”
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 26/11 हमले को लेकर दिए गए बयान पर भी राजेश राम ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि “देश को जवाब देना चाहिए कि आज भी कई ऑपरेशन और घटनाएं अनुत्तरित क्यों हैं। जब ट्रंप दो ट्वीट से युद्ध रोक सकते हैं, तो हमारे नेता जवाब से क्यों बचते हैं?” महागठबंधन के भीतर जीतन राम मांझी के बयान पर भी राजेश राम ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि “मांझी हमारे गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। अगर वे किसी से नाराज हैं, तो वह बात अपने पार्टनर से करें, न कि हमसे।”






















