बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) को लेकर कांग्रेस ने अब अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। दिल्ली में दो दिनों तक चली केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की मैराथन बैठकों के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम और विधानमंडल दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान बुधवार शाम पटना पहुंचे। राजधानी पहुंचते ही कांग्रेस नेताओं ने न सिर्फ चुनिंदा प्रत्याशियों को पार्टी का चुनावी सिंबल सौंपा, बल्कि देर रात राजद नेता और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से भी मुलाकात कर सियासी हलचल तेज कर दी।
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दिल्ली में कांग्रेस के उच्च नेतृत्व — राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ दो दिनों तक चली गहन चर्चाओं के बाद प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप दिया गया। आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद तीनों नेता सीधे पटना लौटे और डॉ. शकील अहमद खान के सरकारी आवास पर बने कांग्रेस ‘वार रूम’ में पहुंच गए। वहां प्रत्याशियों को बुलाकर चुनावी सिंबल वितरित करने की प्रक्रिया देर रात तक जारी रही।
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प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान को भी इस बार विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा गया है। राजेश राम कुटुंबा सीट से जबकि डॉ. खान कदवा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इनके अलावा कांग्रेस ने कई अन्य सीटों पर अपने उम्मीदवारों को अंतिम रूप दे दिया है। बिक्रम से अनिल कुमार, वैशाली से संजीव सिंह, रीगा से अमित कुमार टुन्ना, फुलपरास से सुबोध मंडल, बेगूसराय से अमिता भूषण, सुल्तानगंज से ललन कुमार, औरंगाबाद से आनंद शंकर, वजीरगंज से शशि शेखर सिंह जैसे नाम अब आधिकारिक रूप से मैदान में हैं।
कांग्रेस द्वारा सिंबल वितरण के बाद सियासी हलचल तब और बढ़ गई जब प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, अध्यक्ष राजेश राम और डॉ. शकील अहमद खान देर रात तेजस्वी यादव के आवास पहुंचे। यहां महागठबंधन की सीट शेयरिंग पर अंतिम सहमति बनाने के लिए राजद, कांग्रेस और वामदलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई गई थी। यह बैठक रात नौ बजे के बाद शुरू हुई और देर रात तक चली।
सूत्रों के अनुसार, बछवाड़ा सीट पर कांग्रेस और भाकपा के बीच उम्मीदवार को लेकर तनातनी भी हुई, जिस पर वामदलों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने बैठक के बाद संकेत दिया कि सभी मतभेद सुलझा लिए गए हैं और महागठबंधन में सीटों के बंटवारे की औपचारिक घोषणा जल्द की जाएगी।