बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे महागठबंधन (Mahagathbandhan) के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर जारी असमंजस और राष्ट्रीय राजनीति पर लेफ्ट पार्टियों का तेवर और तीखा होता जा रहा है। भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (Dipankar Bhattacharya) ने आज साफ कहा कि हालांकि सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन गठबंधन में सभी दल एकजुट हैं और जो भी छोटी-मोटी खामियां हैं, वे नामांकन वापसी की तिथि तक दूर कर ली जाएंगी।
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि “CPI(ML) की 20 सीटों पर पूरी एकता है और हमने पहले ही तय किया था कि कहीं भी फ्रेंडली फाइट नहीं होगी।” यानी महागठबंधन के भीतर लेफ्ट और कांग्रेस-राजद के बीच कोई सीधा टकराव नहीं होगा, जिससे विपक्षी एकता का संदेश जनता तक साफ पहुंचे। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब यह बखूबी समझ चुकी है कि अमित शाह क्या संदेश देना चाहते हैं।
भट्टाचार्य ने कहा, “अमित शाह ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार अब बिहार के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। बीजेपी बिहार को बुलडोजर राज की लैब बनाना चाहती है, लेकिन बिहार की जनता ऐसा कभी नहीं होने देगी। महिलाओं के खाते में जो 10 हजार रुपए की बात हो रही है, वह लोन है, कोई अनुदान नहीं। जनता इन झूठे वादों को भलीभांति समझती है।”
पहले चरण की 121 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस चरण में कांग्रेस के 24, आरजेडी के 73, वीआईपी के 7 और भाकपा माले के 7 प्रत्याशी मैदान में हैं। यानी अकेले पहले चरण में ही महागठबंधन के 129 उम्मीदवार चुनावी जंग में उतर चुके हैं। सीट बंटवारे को लेकर आधिकारिक घोषणा भले लंबित हो, लेकिन नामांकन की स्थिति साफ बताती है कि गठबंधन ने मैदान में उतरने का निर्णय ले लिया है।






















