बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के पहले चरण से पहले दरभंगा की गौड़ाबौराम सीट पर महागठबंधन के भीतर घमासान मच गया है। इस सीट को लेकर आरजेडी और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के बीच टकराव अब सियासी ही नहीं, बल्कि कानूनी मोड़ लेता दिख रहा है। वीआईपी उम्मीदवार संतोष सहनी ने स्पष्ट कर दिया है कि वे चुनाव अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए पटना हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
दरअसल, विवाद की जड़ गौड़ाबौराम सीट के उम्मीदवारों को लेकर है। शुरुआत में आरजेडी ने अफजल अली खान को पार्टी का सिंबल देते हुए उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन बाद में सीट वीआईपी को छोड़ दी गई। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने अपने छोटे भाई संतोष सहनी को प्रत्याशी बनाया। वहीं, अफजल अली खान ने पार्टी के निर्णय के बावजूद नामांकन वापस नहीं लिया, जिससे दोनों दलों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई।
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सूत्रों के मुताबिक, लालू प्रसाद यादव ने खुद मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर अफजल अली खान की उम्मीदवारी को अमान्य ठहराने की मांग की थी। इसके बावजूद चुनाव अधिकारियों ने अफजल अली खान का नामांकन रद्द नहीं किया, जिससे VIP में नाराजगी बढ़ गई। संतोष सहनी ने कहा कि यह मामला अब कानूनी रास्ते से सुलझाया जाएगा और वे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि “यह एक गलतफहमी थी, जिसे अब दूर किया जा चुका है। गौड़ाबौराम सीट पर महागठबंधन का एक ही उम्मीदवार है — संतोष सहनी।” हालांकि, जमीनी हकीकत यह है कि अफजल अली खान का नाम अभी भी चुनावी सूची में बना हुआ है, क्योंकि नामांकन वापसी की अंतिम तिथि बीत चुकी है।
इस बीच, विपक्ष ने भी इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश शुरू कर दी है। बीजेपी ने इस सीट से सुजीत कुमार को मैदान में उतारा है, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने मोहम्मद इफ्तेखार आलम को प्रत्याशी बनाया है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर वीआईपी की स्वर्ण सिंह ने जीत दर्ज की थी, जबकि आरजेडी के अफजल अली खान दूसरे स्थान पर रहे थे।