बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) से पहले राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के फायरब्रांड और विवादित छवि वाले विधायक गोपाल मंडल ने पार्टी से नाता तोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला जेडीयू और एनडीए दोनों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि गोपाल मंडल की छवि न सिर्फ एक बेबाक नेता की रही है, बल्कि भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में उनका प्रभाव भी काफी गहरा है।
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गोपाल मंडल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मेरा टिकट पार्टी ने काट दिया, कुछ बड़े लोगों को मेरी साफगोई पसंद नहीं आई। मैं जो बात होती है, वो मुंह पर बोल देता हूं – यही कुछ लोगों को बुरा लगता है। लेकिन मैं हार मानने वालों में से नहीं हूं। अब मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा और जीतकर दिखाऊंगा।” उनके इस बयान से यह साफ हो गया है कि टिकट कटने की नाराजगी अब खुली बगावत में बदल गई है।
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दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी से अलग होने के बावजूद उनका झुकाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर ही रहेगा। उन्होंने कहा, “मैं अब जदयू में नहीं हूं, लेकिन नीतीश कुमार आज भी मेरे नेता हैं। मैं चुनाव जीतकर आऊंगा और समर्थन उन्हीं को दूंगा।” यह बयान राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह संदेश जाता है कि जेडीयू के भीतर असंतोष के बावजूद नीतीश कुमार की व्यक्तिगत स्वीकार्यता अभी भी बनी हुई है।






















