बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रत्याशियों की दूसरी और अंतिम सूची जारी कर दी है। इस सूची के साथ ही जदयू ने अपने कोटे की सभी 101 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। नई लिस्ट में 44 नाम शामिल हैं, जिनमें चार मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर पार्टी ने अल्पसंख्यक समुदाय की नाराजगी को साधने की कोशिश की है।
जदयू अपने प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की.. 44 उम्मीदवारों में 4 मुस्लिम
पहली सूची में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं था, जिससे जदयू पर अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल उठे थे। लेकिन अब नीतीश कुमार ने अपनी “संतुलित राजनीति” को आगे बढ़ाते हुए अररिया से शगुफ्ता अजीम, जोकीहाट से मंजर आलम, अमौर से सबा जफर और चैनपुर से जमा खान को टिकट देकर स्पष्ट संदेश दिया है कि जदयू अब भी “सबका साथ, सबका विश्वास” की लाइन पर कायम है।
आंकड़ों के मुताबिक, जदयू ने पिछड़ा वर्ग से 37, अति पिछड़ा वर्ग से 22, सवर्ण वर्ग से 22, अनुसूचित जाति से 15 और अनुसूचित जनजाति से एक उम्मीदवार को टिकट दिया है। इसके अलावा, पार्टी ने 13 महिलाओं को भी मौका देकर “नारी सशक्तिकरण” की अपनी छवि को मजबूत किया है।
पहली सूची में जहां लव-कुश समाज (कुर्मी और कोयरी वर्ग) को प्राथमिकता दी गई थी, वहीं दूसरी सूची में पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज को प्रमुखता देकर जदयू ने जातीय और सामाजिक समीकरण का बारीक संतुलन साधा है। इससे यह साफ हो जाता है कि नीतीश कुमार इस बार भी “विकास + सामाजिक न्याय” की दोहरी रणनीति पर मैदान में उतर रहे हैं।
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जदयू की दूसरी सूची में कई नए युवा चेहरे शामिल किए गए हैं। पार्टी का मकसद इस बार “अनुभव और ऊर्जा” का ऐसा मिश्रण पेश करना है, जिससे हर क्षेत्रीय और जातीय वोट बैंक को साधा जा सके। नीतीश कुमार की यह रणनीति भाजपा और राजद – दोनों के लिए चुनौती मानी जा रही है, क्योंकि जदयू ने अपने उम्मीदवार चयन में क्लासिक राजनीतिक बैलेंसिंग का प्रदर्शन किया है।