बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) से पहले सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। सभी राजनीतिक दल अलर्ट मोड में हैं, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी खुद मैदान में उतर चुके हैं। राबड़ी देवी ने जहां सीधा दावा किया कि आगामी चुनाव के बाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में नई सरकार बनेगी, वहीं उन्होंने युवाओं और छात्रों के लिए कई वादे किए। दूसरी ओर, लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बीस वर्षों का हिसाब मांगा है।
तेजस्वी यादव का NDA पर बड़ा हमला: 20 साल की सरकार के बाद भी बिहार बेरोजगारी और पलायन का गढ़ क्यों?
राबड़ी देवी ने सोशल मीडिया पर अपने ट्वीट में परीक्षा से जुड़े मुद्दों को भुनाने की कोशिश की। उन्होंने वादा किया कि तेजस्वी सरकार बनने पर परीक्षा फॉर्म मुफ्त होंगे, परीक्षा केंद्र तक आने-जाने की नि:शुल्क व्यवस्था होगी, न पेपर लीक होगा, न परीक्षा रद्द होगी और न देरी से परीक्षा होगी। राबड़ी देवी ने युवाओं को नौकरी और रोज़गार देने का भी वादा किया और कहा कि बिहार की तस्वीर बदलने के लिए जनता तेजस्वी यादव को वोट करेगी।
इसी बीच लालू प्रसाद यादव ने बिहार के युवाओं की आवाज़ को उठाते हुए नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी से 12 बड़े सवाल पूछे। ये वही सवाल हैं जो तेजस्वी यादव ने नीति आयोग और सरकारी रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए उठाए थे। तेजस्वी का आरोप है कि 20 साल के शासन में बिहार अब भी देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में भी बिहार की प्रति व्यक्ति आय अफ्रीकी देशों युगांडा और रवांडा से कम है।
तेज प्रताप यादव का राजबल्लभ पर हमला: “अपराधी छवि वालों का पतन तय है”
तेजस्वी यादव ने रोजगार, औद्योगिक विकास, कृषि आधारित उद्योग, IT सेक्टर, डेयरी और मछली उत्पादन, हथकरघा व बुनकर उद्योग, पर्यटन और पारदर्शी भर्ती व्यवस्था जैसे मुद्दों को चुनावी एजेंडा बनाया है। उनका आरोप है कि नीतीश सरकार बिहार की कृषि उपज और प्राकृतिक संसाधनों का सही इस्तेमाल करने में नाकाम रही। यही वजह है कि लाखों युवाओं को पलायन करना पड़ा और राज्य विकास से पिछड़ गया।
उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्यों बिहार में IT कंपनियों और विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) की स्थापना नहीं हुई? क्यों उद्योग-विशिष्ट क्लस्टर नहीं बने? क्यों बुनकरों और लघु उद्योगों को बढ़ावा नहीं दिया गया? तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार आज भी दूसरे राज्यों से मछली खरीदने को मजबूर है, जबकि स्थानीय स्तर पर इसकी उत्पादन क्षमता बहुत अधिक है। इसी तरह दूध और डेयरी उत्पादों के क्षेत्र में भी संभावनाएं थीं, जिन्हें सरकार ने अनदेखा कर दिया।
पर्यटन को लेकर तेजस्वी ने सीधा आरोप लगाया कि ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक महत्व के बावजूद बिहार को कभी भी विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र नहीं बनाया गया। उनका कहना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च हुए लाखों करोड़ रुपये भी स्थानीय विकास की बजाय दूसरे राज्यों की ओर चले गए।






















