बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की सियासत में चुनावी घोषणाओं की गूंज तेज हो गई है। महागठबंधन ने अब अपना सबसे बड़ा राजनीतिक हथियार तैयार कर लिया है — साझा चुनावी घोषणा पत्र (Common Manifesto)। सूत्रों के मुताबिक, इस घोषणा पत्र को 28 अक्टूबर को महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव की मौजूदगी में जारी किया जाएगा।
राजद सूत्रों के अनुसार, साझा घोषणा पत्र को लेकर सभी घटक दलों—राजद, कांग्रेस, माले, वीआईपी और सीपीआई—के बीच पूर्ण सहमति बन चुकी है। इस घोषणा पत्र में तेजस्वी यादव की ‘हर घर नौकरी’, ‘जीविका सशक्तिकरण’, ‘संविदा कर्मचारियों के स्थायीकरण’ और महिलाओं को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई ‘MAA’ और ‘BETI योजना’ को प्रमुखता दी जाएगी।
महागठबंधन के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस घोषणा पत्र में कांग्रेस के लोकलुभावन वादों को भी शामिल किया गया है। इनमें 200 यूनिट मुफ्त बिजली, 500 रुपये में गैस सिलेंडर, स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश बढ़ाने, और कृषि क्षेत्र में ऋण माफी जैसी योजनाओं को प्रमुखता दी जा सकती है।
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घोषणा पत्र के जरिए महागठबंधन यह संदेश देना चाहता है कि उसका एजेंडा सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि “सिस्टम में सुधार और रोजगार सृजन” पर केंद्रित है। तेजस्वी यादव लंबे समय से “रोजगार” को अपनी राजनीति का केंद्रीय मुद्दा बनाए हुए हैं। ऐसे में यह घोषणा पत्र युवा वोटरों को लुभाने का बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
तेजस्वी यादव 28 अक्टूबर को पटना में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस, भाकपा-माले और वीआईपी पार्टी के नेताओं की मौजूदगी में यह घोषणा पत्र जारी करेंगे। यह आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में महागठबंधन ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीट बंटवारे पर मतभेद खत्म किए थे और तेजस्वी यादव को औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि जीत की स्थिति में तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री और मुकेश सहनी उपमुख्यमंत्री होंगे। इससे महागठबंधन ने यह संकेत दे दिया है कि अब वह एकजुट होकर एनडीए के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।






















