Nabinagar Assembly Seat 2025: औरंगाबाद जिले की राजनीति में नबीनगर विधानसभा सीट (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 221) हमेशा से ही सियासी हलचल का केंद्र रही है। कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली यह सीट अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच सीधी टक्कर का मैदान बन चुकी है। काराकाट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली यह सीट न केवल जातीय समीकरणों से प्रभावित होती है बल्कि स्थानीय नेतृत्व और गठबंधन की रणनीति यहां जीत-हार तय करती है।
राजनीतिक इतिहास
1951 से अस्तित्व में आने वाली नबीनगर सीट पर अब तक 18 चुनाव (एक उपचुनाव सहित) हो चुके हैं। शुरुआती दशकों में कांग्रेस का वर्चस्व इतना मजबूत था कि 1990 तक उसने 8 बार जीत दर्ज की। इस बीच सीपीआई और जनता पार्टी ने भी एक-एक बार जीत हासिल कर कांग्रेस के एकछत्र शासन को चुनौती दी।1995 में यहां पहली बार जनता दल का परचम लहराया जब वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाई। इसके बाद 1996 के उपचुनाव में बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने बिहार पीपुल्स पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज कर राजनीति में नया समीकरण बनाया।
पिछले चुनाव के नतीजे
वर्ष 2000 से नबीनगर की राजनीति ने करवट ली। RJD के भीम यादव ने दो बार विधायक बनकर लालू प्रसाद यादव के प्रभाव को मजबूत किया। 2005 में LJP के विजय सिंह ने बाजी मारी, लेकिन 2010 और 2015 में JDU के वीरेंद्र सिंह ने लगातार जीत दर्ज कर अपनी पकड़ मजबूत की। 2020 के विधानसभा चुनाव में RJD के विजय सिंह ने JDU के वीरेंद्र सिंह को 20,121 वोटों के अंतर से हराकर सत्ता का समीकरण पलट दिया।
NDA Seat Sharing: चिराग पासवान के बाद मांझी भी अड़े.. इतनी सीट चाहिए
वर्तमान में नबीनगर सीट RJD के कब्जे में है, जबकि JDU फिर से अपनी जमीन वापस पाने की कोशिश में जुटी है। हालांकि भाजपा-नीत NDA एकजुट दिख रही है, लेकिन यहां की सामाजिक और जातीय जटिलताएं उनके लिए राह आसान नहीं बनातीं।
जातीय समीकरण
वोटर प्रोफाइल की बात करें तो इस क्षेत्र में राजपूत, यादव और रविदास समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं। अनुसूचित जाति (SC) मतदाताओं की हिस्सेदारी करीब 24.25%, जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 5.4% हैं। इन वर्गों का झुकाव अक्सर चुनाव परिणाम की दिशा तय करता है।
नबीनगर में राजनीतिक वफादारियां बार-बार बदलती रही हैं — कभी कांग्रेस का किला, कभी JDU की पकड़, तो कभी RJD का जलवा। 2025 का चुनाव इस सियासी धरातल पर एक और दिलचस्प मुकाबले का गवाह बनने जा रहा है। यह देखना होगा कि क्या RJD अपनी बढ़त कायम रख पाएगी या NDA फिर से नबीनगर की जनता को अपने पाले में खींच लेगी।






















