बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, राज्य की सियासत लगातार गरमा रही है। हर दल मैदान में उतर चुका है और जनसभाओं का सिलसिला तेज़ हो गया है। इस बीच, जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर (PK) ने पश्चिमी चंपारण में शुक्रवार को आयोजित जनसभा में केंद्र सरकार और विशेष रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा और तीखा हमला बोला।
प्रशांत किशोर ने अपने भाषण में कहा कि “पहले बिहार में बूथ लूटने का चलन था, लेकिन अब अमित शाह उम्मीदवार लूटने का नया खेल शुरू कर चुके हैं।” उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी के तीन से चार प्रत्याशी भाजपा की साज़िश में फंसाकर तोड़े गए, लेकिन अब गोपालगंज में जनता ने एक उम्मीदवार “सूद समेत वापस कर दिया है।” उन्होंने कहा, “बाकी का हिसाब बिहार की जनता जल्द करेगी।”

दरअसल, जन सुराज पार्टी ने गोपालगंज में निर्दलीय उम्मीदवार अनूप श्रीवास्तव को आधिकारिक समर्थन देने का ऐलान किया है। यह फैसला भाजपा और जन सुराज के बीच टकराव को और स्पष्ट करता है। मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने भाजपा पर बिहार के राजनीतिक ताने-बाने को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “दिल्ली में बैठे गुजराती लोग बिहार का भविष्य तय कर रहे हैं ताकि बिहार के लोग हमेशा मजदूर बने रहें और गुजरात के लोग फैक्ट्रियों के मालिक।” इस बयान ने बिहार की चुनावी राजनीति में नए विवाद को जन्म दे दिया है।
पीके यहीं नहीं रुके। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कठघरे में खड़ा किया और कहा कि “प्रधानमंत्री ने छठ पर्व के समय बिहार के लिए 12,000 ट्रेनें चलाने का वादा किया था, लेकिन हकीकत यह है कि आज बिहार के लोग देशभर के रेलवे स्टेशनों पर लाठी और धक्के खा रहे हैं, यहां तक कि कई लोग शौचालयों में बैठकर सफर करने को मजबूर हैं।”
बेतिया: प्रशांत किशोर का भव्य रोड शो, जन सुराज प्रत्याशी के समर्थन में अपील
प्रशांत किशोर ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने जन सुराज के प्रत्याशियों पर दबाव डालने की कोशिश की है। उन्होंने दावा किया कि दानापुर, गोपालगंज और ब्रह्मपुर सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं—जिनमें गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हैं—ने जन सुराज उम्मीदवारों को नामांकन न करने या नाम वापस लेने के लिए दबाव डाला।





















