बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2025 नज़दीक आ रहे हैं, सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। इसी बीच जनसुराज अभियान के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला वैशाली जिले के राघोपुर थाना में अंचलाधिकारी (सीओ) के आवेदन पर दर्ज किया गया है। आरोप है कि प्रशांत किशोर ने बिना अनुमति के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया था।
शनिवार को प्रशांत किशोर तेजस्वी यादव के गढ़ राघोपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने जनता से खुलकर बातचीत की। उन्होंने ग्रामीणों से क्षेत्र की समस्याएं पूछीं और शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य व रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव पर सवाल उठाए। किशोर ने लोगों से पूछा, “आपका विधायक दो बार उपमुख्यमंत्री रहा है, क्या कभी आपकी समस्याएं सुनी गईं?” इस पर ग्रामीणों ने खुलकर नाराजगी जताई और बताया कि उन्हें तेजस्वी यादव से मिलने में भी कठिनाई होती है।
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किशोर के इस बयान और संवाद कार्यक्रम के बाद प्रशासन हरकत में आया और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। दरअसल, बिहार में चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद से आचार संहिता लागू है और किसी भी तरह की जनसभा या राजनीतिक बयानबाजी के लिए प्रशासनिक अनुमति जरूरी होती है।
प्रशांत किशोर ने राघोपुर जाने से पहले पटना में पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला था। उन्होंने कहा, “सुनने में आ रहा है कि तेजस्वी यादव दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं। अगर डर लग रहा है तो दो जगह से लड़ लें, लेकिन राघोपुर में उनका हाल राहुल गांधी जैसा होगा।” उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि राहुल गांधी वायनाड से जीते थे, लेकिन अमेठी में स्मृति ईरानी से हार गए थे।






















