बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सियासी माहौल में नई हलचल मचा दी है। जमुई के धरमपुर गांव से राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ दलों पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “बिहार में वोट चोरी हो रही है।” उन्होंने दावा किया कि राज्य के कई इलाकों में मतदाता सूची से लोगों के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं — और यह सब एक सुनियोजित साजिश के तहत हो रहा है।
राहुल गांधी ने मंच से पांच ग्रामीणों — दिलीप यादव, सुनीता देवी, बंटी कुमार, क्यूम अंसारी और अन्य — को बुलाकर उनकी आपबीती जनता के सामने रखी। इन सभी ने आरोप लगाया कि आवश्यक दस्तावेज़ और फॉर्म जमा करने के बावजूद उनके नाम मतदाता सूची से गायब कर दिए गए। दिलीप यादव, जो एक दिव्यांग नागरिक हैं, का नाम “अनुपस्थित” बताकर पूरे परिवार का नाम ही सूची से हटा दिया गया।
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राहुल गांधी ने इस पूरे घटनाक्रम को “लोकतंत्र की सबसे दुखद और शर्मनाक त्रासदी” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ जमुई के धर्मपुर गांव की कहानी नहीं, बल्कि पूरे बिहार की सच्चाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे लोग, जो दलित, पिछड़े या अल्पसंख्यक समुदायों से आते हैं, और संभवतः भाजपा या एनडीए को वोट नहीं देंगे, उन्हें व्यवस्थित रूप से मतदाता सूची से हटाया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने हरियाणा के चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे वहां वोटों की गिनती में गड़बड़ी की गई, वैसे ही बिहार में “वोट चोरी” अब एक नए रूप में हो रही है — लोगों की आवाज़, अधिकार और पहचान मिटाकर। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि “यह लड़ाई रुकेगी नहीं। संविधान ने जो सबसे बड़ा अधिकार दिया है — एक व्यक्ति, एक वोट — उसकी रक्षा के लिए कांग्रेस पूरी ताकत से संघर्ष करेगी।”






















