बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के बीच मोहनिया सीट से उठी एक बड़ी राजनीतिक हलचल ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आरोप लगाया है कि गृह मंत्री अमित शाह के दबाव में चुनाव आयोग ने “परिणाम से पहले ही सीटें चुराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।” यह आरोप मोहनिया विधानसभा क्षेत्र से राजद उम्मीदवार श्रीमती श्वेता सुमन का नामांकन रद्द किए जाने के बाद लगाया गया है। राजद ने इसे लोकतंत्र और चुनावी निष्पक्षता पर सीधा हमला बताया है। पार्टी का कहना है कि श्वेता सुमन का नामांकन पूरी तरह वैध था, लेकिन राजनीतिक साजिश और अनुचित दबाव के तहत 22 अक्टूबर को Returning Officer ने उनका नामांकन निरस्त कर दिया।
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श्वेता सुमन ने 20 अक्टूबर 2025 को अपना नामांकन दाखिल किया था, जो प्रारंभिक जांच के बाद Returning Officer द्वारा स्वीकृत किया गया था। लेकिन बाद में दो अन्य उम्मीदवारों की आपत्तियों के आधार पर उनके जाति प्रमाण पत्र की वैधता पर सवाल उठाया गया। इसके बाद Circle Officer, दुर्गावती की एक विवादित रिपोर्ट के आधार पर उनके नामांकन को खारिज कर दिया गया।
राजद का दावा है कि इस पूरी प्रक्रिया में ना तो उचित कानूनी जांच की गई और ना ही उम्मीदवार को सुनवाई का अवसर दिया गया। पार्टी का कहना है कि Supreme Court द्वारा निर्धारित जांच प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। विशेष रूप से, पटना हाई कोर्ट के “बैधनाथ सिंह बनाम बिहार सरकार” मामले में स्पष्ट किया गया है कि जाति प्रमाण पत्र के निरस्तीकरण के लिए Scrutiny Committee का गठन अनिवार्य है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ।
राजद ने इसे “लोकतंत्र की हत्या और चुनावी संस्थाओं की साख पर धब्बा” करार दिया है। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि जब नामांकन वैध दस्तावेज़ों के साथ स्वीकार किया जा चुका था, तो बाद में उसे निरस्त करने का कोई संवैधानिक औचित्य नहीं है।






















