बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) अब निर्णायक मोड़ पर है। हर जिले से मिल रही रिकॉर्ड मतदान की खबरों ने साफ कर दिया है कि इस बार बिहार के मतदाता पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ लोकतंत्र के इस महापर्व में भाग ले रहे हैं। बूथों पर उमड़ी भीड़ में जहां बुजुर्गों की उत्साहपूर्ण मौजूदगी दिखी, वहीं पहली बार वोट डालने आए युवा भी अपने भविष्य की दिशा तय करने को लेकर बेहद गंभीर नजर आए। महिलाएं, किसान, व्यापारी, हर तबका लोकतंत्र के इस पर्व को अपनी भागीदारी से सार्थक बना रहा है।
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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक भावनात्मक संदेश में कहा — “मन गदगद है, मेरे बिहार ने कमाल कर दिखाया है। हर जाति, हर वर्ग ने लोकतंत्र के इस महोत्सव को ऐतिहासिक बना दिया है। अब ये कदम रुकने नहीं चाहिए।” तेजस्वी यादव ने अपने संदेश में बिहारवासियों से आग्रह किया कि हर नागरिक मतदान केंद्र पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग करे क्योंकि, “आपकी उंगली की नीली स्याही ही आपके भविष्य को स्वर्णिम बनाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार अब “Result, Respect और Rise” के नए युग की ओर बढ़ना चाहता है।
तेजस्वी के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है। उन्होंने अपने भाषण में बीते 20 वर्षों के विकास की गति पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब बिहार झूठे वादों और जुमलों से थक चुका है। “बीस साल में युवाओं को रोजगार नहीं मिला, किसान को राहत नहीं मिली, व्यापारी घाटे से उबर नहीं पाया और आम आदमी महंगाई के बोझ से दबा रहा। अब बिहार बदलाव चाहता है, विकास चाहता है।”
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तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनकी सरकार ने 17 महीनों के छोटे कार्यकाल में यह साबित किया कि नीतियां सिर्फ़ बनाई नहीं जातीं, बल्कि ज़मीन पर लागू भी की जा सकती हैं। “हमारी हर नीति लोकनीति है, हर कदम लोकहित में है। उन्होंने स्पष्ट किया कि असली आज़ादी तभी मिलेगी जब बिहार भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, घूसखोरी और असमानता से मुक्त होगा। तेजस्वी का यह संदेश ग्रामीण और शहरी दोनों तबकों में गूंजता दिख रहा है।






















