बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) का माहौल अब पूरी तरह से गरमा चुका है। सोमवार को किशनगंज जिले की ठाकुरगंज विधानसभा सीट से जेडीयू प्रत्याशी और पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने अपना नामांकन दाखिल किया। अग्रवाल ने किशनगंज डीडीसी कार्यालय पहुंचकर चुनावी पर्चा जमा किया और इस मौके पर बड़ी संख्या में पार्टी समर्थक मौजूद रहे।
गोपाल अग्रवाल 2020 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे थे और दूसरे स्थान पर रहे थे। इस बार वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के आधिकारिक उम्मीदवार हैं। अग्रवाल का कहना है कि ठाकुरगंज उनकी “कर्मभूमि” है और अब वे जेडीयू के साथ मिलकर विकास, रोजगार और सामाजिक न्याय के एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार ने बिहार को शिक्षा, सड़क और सुशासन के रास्ते पर आगे बढ़ाया है। अब समय है कि ठाकुरगंज भी विकास की मुख्यधारा में आए।”

राजनीतिक दृष्टि से ठाकुरगंज एक मुस्लिम बहुल सीट है, जहां 2020 में राजद ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार समीकरण बदलते दिख रहे हैं। मारवाड़ी समाज से आने वाले गोपाल अग्रवाल का मजबूत जनसंपर्क और स्थानीय स्तर पर प्रभाव एनडीए के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
उधर, नामांकन प्रक्रिया के चौथे दिन समस्तीपुर जिले की वारिसनगर विधानसभा सीट से जेडीयू प्रत्याशी मंजरिक मृणाल, जो वर्तमान विधायक अशोक कुमार मुन्ना के वैज्ञानिक पुत्र हैं, ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। मंजरिक मृणाल ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच है कि “राजनीति में पढ़े-लिखे युवाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए” और वे इस सोच को धरातल पर उतारने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार के विकास में शिक्षा और तकनीकी जागरूकता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और वे युवाओं की आवाज़ बनकर राजनीति में नया अध्याय लिखेंगे। इस अवसर पर विधायक अशोक कुमार मुन्ना ने कहा कि “युवा पीढ़ी राजनीति में आगे आ रही है, और मंजरिक मृणाल बिहार की राजनीति में चमत्कार करेंगे।”






















