बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के बीच विकासशील इंसान पार्टी (Vikassheel Insaan Party – VIP) के भीतर हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन में शामिल “सोन ऑफ मल्लाह” कहे जाने वाले मुकेश सहनी को उस समय बड़ा झटका लगा जब पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बद्री पूर्वे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बद्री पूर्वे का यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब वीआईपी ने पहले चरण की छह सीटों पर अपने प्रत्याशियों का नामांकन पूरा कर लिया है।
राजनीतिक गलियारों में यह इस्तीफा वीआईपी की आंतरिक असहमति और रणनीतिक मतभेदों का संकेत माना जा रहा है। पार्टी में यह चर्चा तेज है कि टिकट वितरण और सीट चयन को लेकर कई वरिष्ठ नेताओं में असंतोष था। हालांकि मुकेश सहनी ने अभी तक इस इस्तीफे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी के भीतर यह झटका संगठन की एकजुटता पर सवाल खड़ा कर रहा है।
महागठबंधन के घटक के रूप में वीआईपी ने शुक्रवार को छह सीटों — औराई, बरुराज, गौराबौराम, दरभंगा शहर, कुशेश्वरस्थान और आलमनगर से अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने बताया कि वीआईपी इस बार गरीब, दलित, मछुआरा और पिछड़े समाज की आवाज को मजबूत करने के लिए चुनावी मैदान में उतरी है। उन्होंने कहा कि पार्टी हमेशा से वंचित और शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष करती रही है और इस चुनाव में उसका लक्ष्य विकास के साथ सामाजिक न्याय का संतुलन बनाना है।
देव ज्योति ने कहा कि जनता इस बार परिवर्तन के मूड में है, क्योंकि मौजूदा सरकार पर विकास को लेकर निराशा है। उन्होंने दावा किया कि वीआईपी पार्टी महागठबंधन के अंदर एक निर्णायक ताकत के रूप में उभरकर सामने आएगी। पार्टी का यह विश्वास है कि जनता अब सिर्फ जातीय समीकरणों से नहीं, बल्कि मुद्दों और नीतियों के आधार पर वोट देगी।






















