बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) से ठीक पहले महागठबंधन (Grand Alliance) के भीतर दरारें गहराती दिख रही हैं। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच सीट शेयरिंग और साझा घोषणा पत्र को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। इस तनावपूर्ण स्थिति को संभालने के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पटना भेजा है।
गहलोत बुधवार सुबह पटना पहुंचे और सीधा तेजस्वी यादव के आवास पहुंचे, जहां दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत होगी। सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात को ‘डैमेज कंट्रोल मीटिंग’ के रूप में देखा जा रहा है। अगर सब कुछ सही रहा, तो गुरुवार को महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (Joint Press Conference) आयोजित की जाएगी, जिसमें सीट बंटवारे और साझा एजेंडा का ऐलान किया जा सकता है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने भी तेजस्वी यादव से फोन पर बातचीत की है। गहलोत ने मीडिया से कहा, “बिहार में महागठबंधन 243 सीटों पर फोकस कर रहा है। कुछ ‘दोस्ताना मुकाबले’ जरूर हैं, लेकिन ऐसा हर राज्य में होता है। हमारा लक्ष्य भाजपा-जेडीयू गठबंधन को हराना है, जिसके खिलाफ पूरा महागठबंधन एकजुट है।”
पटना पहुंचे अशोक गहलोत और कृष्णा अल्लावरु.. ‘फ्रेंडली फाइट’ पर बोले- महागठबंधन एकजुट है
हालांकि, इन बयानों के बावजूद स्थिति उतनी सरल नहीं दिखती। महागठबंधन के घटक दलों के बीच अब भी 12 सीटों पर आपसी टकराव की स्थिति है, जहां सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। तेजस्वी यादव ने बुधवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब इस मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “गठबंधन पर कल बात करेंगे।”
तेजस्वी ने साथ ही अपनी पार्टी की चुनावी रणनीति और घोषणाओं पर भी फोकस किया। उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर बिहार में परिवर्तन की बात दोहराई। मगर यह स्पष्ट है कि आंतरिक असंतोष महागठबंधन की छवि पर असर डाल रहा है।






















