बिहार की सियासी तापमान में लगातार उबाल आ रहा है। 2024 का चुनावी रण जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाजी भी आक्रामक होती जा रही है। भाजपा और राजद के बीच सियासी तीरों की बौछार तेज हो गई है। इसी बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे के बाद सियासी माहौल और गर्म हो गया है। भाजपा नेताओं ने सीधे तौर पर लालू परिवार और तेजस्वी यादव को निशाने पर ले लिया है।
नित्यानंद राय का दावा: राघोपुर छोड़ रहे हैं तेजस्वी
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव इस बार राघोपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका कहना है कि तेजस्वी को अपनी हार का अंदेशा हो गया है, इसलिए वह अपना विधानसभा क्षेत्र बदलने की योजना बना रहे हैं। इससे पहले तेज प्रताप यादव ने भी पहले ही हसनपुर छोड़कर महुआ से चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे।
भाजपा का सीधा हमला: परिवारवाद और जंगलराज के निशाने पर तेजस्वी
नित्यानंद राय ने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “वे परिवारवाद और भ्रष्टाचार के प्रतीक बन चुके हैं। उनके माता-पिता (लालू-राबड़ी) के शासनकाल को “जंगलराज” कहकर भाजपा ने एक बार फिर पुरानी बहस छेड़ दी है। राय ने कहा कि बिहार की जनता अब लालू-राबड़ी राज को वापस नहीं चाहती।
अमित शाह के दौरे से राजद में घबराहट?
भाजपा नेताओं का दावा है कि अमित शाह के बिहार दौरे के बाद राजद खेमे में घबराहट बढ़ गई है। दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी लालू यादव पर तीखा हमला बोला, और अब बिहार में भाजपा पूरी ताकत झोंक रही है।
वैसे, राघोपुर तेजस्वी यादव का राजनीतिक गढ़ माना जाता रहा है। 2010 में इस सीट से जरूर जदयू के सतीश कुमार ने राबड़ी देवी को मात दी थी, लेकिन 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव ने वापसी की।