बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज़ हो गई है। 2025 विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) की आहट के साथ ही महागठबंधन ने गुरुवार को अपनी रणनीति की दूसरी परत खोल दी है। तेजस्वी यादव की अगुवाई में हुई दूसरी बैठक में गठबंधन ने चार अहम समितियों का गठन कर चुनावी बिगुल बजा दिया है।
रणनीति का नया चैप्टर: चार कमेटियों से घेरा मजबूत!
महागठबंधन ने चुनाव को लेकर चार साझा समितियां बनाई हैं:
- अभियान समिति
- चुनाव घोषणा पत्र समिति
- मीडिया समिति
- सोशल मीडिया समिति
इनमें आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी, सीपीआई, सीपीएम और माले के नेता शामिल होंगे। सभी दलों से कमेटियों में प्रतिनिधित्व के लिए नाम मांगे गए हैं।
4 मई की बड़ी बैठक: रणनीति से लेकर रफ्तार तक तय होगी!
महागठबंधन ने घोषणा की कि आगामी 4 मई को एक विशाल बैठक होगी, जिसमें सभी जिलाध्यक्ष, सांसद, विधायक और एमएलसी मौजूद रहेंगे। तेजस्वी का दावा है कि ज़मीनी स्तर तक तालमेल और सक्रियता पूरी तरह दुरुस्त है, और अब यह गठबंधन हर मोर्चे पर सरकार को घेरने को तैयार है।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता: कैंडल मार्च की घोषणा
बैठक में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की गई। महागठबंधन ने एक निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए राज्यभर में शुक्रवार शाम 7 बजे कैंडल मार्च निकालने की घोषणा की है। पटना में यह मार्च इनकम टैक्स गोलंबर से डाकबंगला चौराहा तक निकाला जाएगा — एक प्रतीक होगा सत्ता के खिलाफ जनता की चुप लेकिन प्रज्वलित आवाज़ का।
तेजस्वी का इशारा: “अब खामोशी नहीं, जवाब दो!”
तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता सरकार की विफलताओं को ज़मीनी स्तर पर उजागर करेंगे। यह बयान विपक्ष की सक्रियता का नहीं, बल्कि एक आक्रामक रुख़ का संकेत है।
बिहार चुनाव 2025 की तैयारियों ने अब असल शक्ल ले ली है। एक ओर एनडीए की डबल इंजन सरकार विकास का दावा कर रही है, तो दूसरी ओर महागठबंधन चार कमेटियों के ज़रिए बदलाव का तंत्र गढ़ रहा है।