बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं और अब सियासी घमासान सिर्फ चुनावी मैदान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि लोक-लुभावन योजनाओं के श्रेय को लेकर भी राजनीतिक दलों में रस्साकशी शुरू हो गई है।
कांग्रेस ने हाल ही में बिहार की महिलाओं के लिए ‘माई बहन मान योजना’ के अंतर्गत हर महीने ₹2500 आर्थिक सहायता की घोषणा कर दी। लेकिन विवाद तब शुरू हुआ जब यह आरोप आया कि यह योजना दरअसल तेजस्वी यादव की सोच थी, जिसे कांग्रेस ने ‘हाईजैक’ कर लिया।
RJD नेताओं ने कांग्रेस पर सार्वजनिक मंच पर तेजस्वी यादव को दरकिनार कर एकतरफा घोषणा करने का आरोप लगाया। इसके बाद कांग्रेस बैकफुट पर आ गई और पार्टी के वरिष्ठ नेता और कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने स्वीकार किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव को शामिल किया जाना चाहिए था।
तारिक अनवर ने स्पष्ट किया कि यह योजना पूरी महागठबंधन की है और इसकी रूपरेखा महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी ने तय की थी। उनका कहना था कि अगर एलान साझा प्रेस वार्ता के माध्यम से किया जाता, तो इस विवाद से बचा जा सकता था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि “महागठबंधन की सभी पार्टियां इस योजना का श्रेय लेना चाहती हैं,” इसलिए यह टकराव उत्पन्न हुआ है।
तारिक अनवर ने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जल्द शुरू होगी और सभी पार्टियों की राय को ध्यान में रखा जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के बिहार दौरे पर कटाक्ष करते हुए अनवर ने कहा कि मोदी जी के लिए चुनाव सर्वोपरि है, देश या सुरक्षा नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पहलगाम हमले के बाद भी प्रधानमंत्री बिना रुके चुनावी कार्यक्रमों में जुटे रहे, जो उनकी प्राथमिकताओं को दिखाता है।