Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में इन दिनों एक अनोखा मुकाबला देखने को मिल रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए सरकार विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के चुनावी वादों को एक-एक करके लागू कर रही है। ऐसा लग रहा है जैसे नीतीश सरकार तेजस्वी की “तरकश से तीर निकालकर” अपने निशाने पर लगा रही है।
मुफ्त बिजली का मामला
गुरुवार को नीतीश कुमार ने बड़ी घोषणा करते हुए राज्य के 1.67 करोड़ परिवारों को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया। यह योजना अगस्त से लागू होगी और सरकार पर लगभग 5000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ डालेगी। दिलचस्प बात यह है कि तेजस्वी यादव ने अपने चुनावी वादों में 200 यूनिट मुफ्त बिजली का वायदा किया था।
नौकरियों का मुद्दा
13 जुलाई को नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के जरिए अगले पांच साल में एक करोड़ सरकारी नौकरी और रोजगार के अवसर पैदा करने का वादा किया। दो दिन बाद 15 जुलाई को कैबिनेट ने इस संकल्प को औपचारिक रूप दे दिया। यह मुद्दा तेजस्वी यादव के चुनावी एजेंडे का प्रमुख हिस्सा रहा है, जो पिछले तीन साल से लगातार इस पर जोर दे रहे हैं।
डोमिसाइल नीति पर चालबाजी
तेजस्वी यादव ने सरकारी नौकरियों में 100% डोमिसाइल नीति लागू करने का वादा किया था। नीतीश सरकार ने पहले तो इस मुद्दे पर उदासीनता दिखाई, लेकिन 8 जुलाई को कैबिनेट ने महिलाओं के लिए आरक्षित 35% पदों पर डोमिसाइल नीति लागू कर दी। इसके साथ ही बिहार में प्रभावी रूप से डोमिसाइल 74% हो गया है।
पेंशन और इंटर्नशिप
1 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में कलाकारों के लिए 3000 रुपये मासिक पेंशन और युवाओं को 4000 से 6000 रुपये तक इंटर्नशिप भत्ता देने का फैसला लिया गया। ये सभी योजनाएं ऐसे समय में आई हैं जब विपक्ष ने इन्हें अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने की योजना बनाई थी।