बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ अब सियासत का नया केंद्र बन गई है। राजद (RJD) ने इस योजना के तहत महिलाओं को दिए जा रहे 10-10 हजार रुपये को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं, जबकि जदयू (JDU) इसे महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बता रही है।
राजद सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि 17, 24 और 31 अक्टूबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए, और अगली किस्त 7 नवंबर को दी जानी है — यानी मतदान से ठीक तीन दिन पहले। झा का कहना है कि यह कार्रवाई मॉडल आचार संहिता का खुला उल्लंघन है, जो 6 अक्टूबर से प्रभावी है। उन्होंने इसे “मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश” बताया और कहा कि इससे निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी।
इस आरोप के बाद जदयू ने तीखा पलटवार किया है। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने एक्स (Twitter) पर लिखा – “राजद का महिला विरोधी चेहरा फिर हुआ बेनकाब!” उन्होंने कहा कि लालू यादव के परिवार ने सिर्फ अपने घर की महिलाओं को आगे बढ़ाया, जबकि नीतीश कुमार ने बिहार की हर मां-बहन के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
संजय झा के अनुसार, राजद को महिलाओं का सशक्त होना रास नहीं आ रहा, क्योंकि इससे उसका जातीय और धार्मिक वोट बैंक कमजोर पड़ सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले राजद ने अफवाह फैलाई कि सरकार पैसा वापस ले लेगी, और अब चुनाव आयोग से योजना रोकने की मांग करके महिलाओं के अधिकार पर प्रहार कर रही है।
नीतीश कुमार की सरकार पिछले दो दशकों से महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देती आई है। 2005 में सत्ता संभालने के बाद उन्होंने साइकिल योजना, पोशाक योजना, छात्रवृत्ति, और 50% आरक्षण जैसे फैसले लिए, जिनसे महिलाओं की सामाजिक स्थिति में बड़ा परिवर्तन आया। इसके अलावा, 2013 में पुलिस भर्ती में 35% आरक्षण और 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए समान आरक्षण का प्रावधान किया गया।
राज्य में ‘मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना’ और ‘जीविका समूहों’ के जरिए लाखों महिलाएं आत्मनिर्भर बनीं। अब ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ को इन प्रयासों की अगली कड़ी माना जा रहा है। योजना के तहत अगस्त 2025 में कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद सितंबर से राशि ट्रांसफर की जा रही है। अब तक करीब 1.5 करोड़ महिलाओं के खातों में यह राशि पहुंच चुकी है। छह महीने बाद इनके रोजगार की समीक्षा कर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी।






















