बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) की सरगर्मी बढ़ते ही नेताओं का जनता से सीधा संवाद तेज हो गया है। लेकिन इस बार कई नेताओं के लिए जनता से मिलना आसान नहीं दिख रहा है। ताज़ा घटनाक्रम में राजद के दो विधायकों—समस्तीपुर जिले के उजियारपुर से विधायक आलोक कुमार मेहता और रोहतास जिले के दिनारा से विधायक विजय कुमार मंडल—को अपने ही क्षेत्रों में जनता के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा।
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उजियारपुर विधानसभा के सैदपुर जाहिद गांव में जब आलोक मेहता जनता से मिलने पहुंचे, तो स्थानीय लोगों ने साफ शब्दों में उन्हें लौट जाने को कह दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि पिछले पांच सालों में विधायक क्षेत्र में दिखाई नहीं दिए और अब केवल चुनाव नजदीक आने पर वोट मांगने के लिए सक्रिय हुए हैं। नाराज ग्रामीणों ने यह तक कह दिया कि इस बार वे बाहरी नेता नहीं, बल्कि स्थानीय उम्मीदवार को ही चुनेंगे। यही नहीं, रायपुर पंचायत स्थित आईटीआई कॉलेज के पास महादलित टोला में भी विधायक आलोक मेहता को जमकर विरोध झेलना पड़ा। इस बीच मीडिया की मौजूदगी पर उन्होंने कैमरा बंद करने की भी कोशिश की।
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उधर, रोहतास जिले के दिनारा विधानसभा में भी राजद विधायक विजय कुमार मंडल के खिलाफ गुस्सा देखने को मिला। वे जब अपने क्षेत्र में योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के लिए पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उनके काफिले को रोक लिया। लोगों ने सीधे सवाल दागे कि गांव में सड़क क्यों नहीं बनी? ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या की शिकायत कई बार की गई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं मिला। इस पर विधायक ने सफाई दी कि उनके क्षेत्र में ऐसे 400 गांव हैं, जिनमें समान समस्याएं हैं। हालांकि, इस जवाब ने स्थानीय नाराजगी को और बढ़ा दिया।






















