Bihar Black Money: बिहार की राजधानी पटना में एक ऐसा खुलासा हुआ जिसने पूरे राज्य को चौंका दिया। ग्रामीण कार्य विभाग में अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात इंजीनियर विनोद राय आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की छापेमारी के दौरान काले धन के कुबेर के रूप में सामने आए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब विनोद राय को अपने खिलाफ कार्रवाई की भनक लगी तो उन्होंने रातभर बैठकर 2 से 3 करोड़ रुपये नकद को जलाकर खाक कर दिया। इसके बावजूद ईओयू की टीम ने उनके घर से 39 लाख रुपये कैश, अधजले नोट और करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए।
जानकारी के अनुसार, इंजीनियर विनोद राय सीतामढ़ी डिवीजन में तैनात हैं और मधुबनी का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं। बीते गुरुवार रात उन्हें सूचना मिली कि ईओयू उनकी घेराबंदी कर सकती है। इसके बाद उन्होंने पटना स्थित आवास पर कैश पहुंचा दिया। देर रात ईओयू की टीम उनके घर पहुंची, लेकिन उनकी पत्नी ने छापेमारी का विरोध करते हुए घर में अकेले होने का हवाला दिया। नतीजा यह हुआ कि अधिकारी सुबह तक बाहर ही डेरा डाले रहे। इस बीच अंदर से नोट जलाने की गंध आने लगी। सुबह जब टीम घर के भीतर दाखिल हुई तो देखा कि घर में जगह-जगह जले हुए नोटों का अंबार पड़ा था। यहां तक कि बाथरूम और पानी की टंकी में भी नोटों के टुकड़े और राख मिली।
छापेमारी के दौरान ईओयू को 39 लाख रुपये कैश, 12 लाख के अधजले नोट, करीब 26 लाख के गहने, 18 जमीन-जायदाद के कागजात, 15 बैंक खातों की डिटेल और कई बीमा पॉलिसी समेत निवेश के दस्तावेज मिले हैं। शुरुआती आकलन से अंदाजा है कि विनोद राय ने लगभग 100 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच भी संभावित है।
विनोद राय और उनकी पत्नी को सबूत मिटाने और सरकारी कार्रवाई में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हालांकि पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ईओयू ने इस कार्रवाई के लिए नगर निगम और एफएसएल की टीम को भी शामिल किया। अधजले नोटों के मलबे को अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि पूरे घोटाले का खुलासा हो सके।






















