Bihar Corruption: बिहार में सरकारी योजनाओं की करोड़ों की रकम डकार कर आलीशान जिंदगी जी रहे ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर विनोद कुमार राय पर एक बार फिर ईओयू ने शिकंजा कस दिया है। आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने गुरुवार को पटना, समस्तीपुर और सीतामढ़ी में ताबड़तोड़ छापेमारी की। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे इस इंजीनियर के ठिकानों पर हुई कार्रवाई ने पूरे विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
पटना स्थित उनके आवास पर सुबह-सुबह पहुंची ईओयू की टीम ने कागजातों और डिजिटल रिकॉर्ड की गहन जांच की। इसी समय समस्तीपुर जिले के दो ठिकानों पर समानांतर छापा चला। टीम ने समस्तीपुर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के आदर्श नगर स्थित घर और हसनपुर थाना क्षेत्र के खरहिया आवास की तलाशी ली। जांच एजेंसी ने सीतामढ़ी के एक पते पर भी दस्तक दी, जहां से कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
ईओयू की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विनोद कुमार राय ने सरकारी पद का दुरुपयोग कर करीब 3 करोड़ 38 लाख रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति बनाई है। इस ताजा कार्रवाई से पहले भी अगस्त 2025 में उन पर बड़ी छापेमारी हो चुकी है। तब उन पर नोट जलाने और सबूत मिटाने का सनसनीखेज आरोप लगा था। जांच अधिकारियों का अनुमान है कि उनके पास करीब 100 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति हो सकती है। लगातार हो रही छापेमारी से विभागीय भ्रष्टाचार का बड़ा जाल उजागर हो रहा है।
इस मामले में ईओयू ने कांड संख्या 24/2025 के तहत नया केस दर्ज किया है। पिछले महीने की गिरफ्तारी के बाद से विनोद कुमार राय और उनकी पत्नी पहले ही सुर्खियों में रहे हैं। उस समय उन पर सरकारी जांच में बाधा डालने और सबूत मिटाने का आरोप लगा था। अब दोबारा हुई यह कार्रवाई साफ दिखाती है कि बिहार में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं और कानून इसे उखाड़ने में कितना सख्त रुख अपना रहा है।
सरकारी विकास योजनाओं के नाम पर जनता के पैसों को निजी साम्राज्य में बदलने वाले इस इंजीनियर की कहानी बिहार में अफसरशाही और भ्रष्टाचार के गठजोड़ का बड़ा उदाहरण बन गई है। ईओयू की टीम अब उनके बैंक खातों, जमीन-जायदाद और निवेश की पूरी जांच कर रही है। आने वाले दिनों में कई और खुलासे होने की संभावना है।






















