भारत निर्वाचन आयोग ने मंगलवार 30 सितंबर 2025 को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी (Bihar Final Voter List) कर दी है। यह सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के बाद तैयार की गई है और इसके साथ ही चुनावी लड़ाई का एक अहम मोड़ शुरू हो गया है। मतदाता सूची देखने के लिए नागरिकों को voters.eci.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा और वहां अपना नाम या EPIC नंबर दर्ज करना होगा। निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है कि SIR प्रक्रिया के अंतर्गत अंतिम सूची का प्रकाशन किया गया है।
मतदाता सूची देखने की प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक रूप से आसान बनाई गई है: वेबसाइट पर जाकर Special Intensive Revision (SIR) – 2025 (Bihar) लिंक चुनना है, फिर राज्य में “बिहार” का चयन कर EPIC नंबर या नाम दर्ज करना है। इसके बाद नाम जुड़ा है या नहीं, यह जानकारी सामने आ जाएगी।
जब मतदाता सूची सार्वजनिक हुई, तो पटना जिले की में एक महत्वपूर्ण उजागर हुई है। पटना में पहले की प्रारूप सूची में कुल 46,51,694 मतदाता दर्ज थे, जबकि अब अंतिम सूची में यह संख्या 48,15,294 हो गई है — यानी 1,63,600 मतदाता की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह संख्या यह संकेत देती है कि SIR का प्रभाव — नाम जोड़ने और सत्यापन — विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न रूप से महसूस हुआ है।
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लेकिन इस बढ़ोतरी के साथ-साथ कई सवाल भी उठ रहे हैं। SIR अभियान के दौरान मतदाता सूची से हटाए गए नामों की संख्या काफी अधिक रही। ECI ने बताया है कि मृतक मतदाता, ऐसे जिनका स्थानांतरण हुआ हो, दोगुना पंजीकरण वाले और अज्ञात पते वालों की सूची को हटाया गया है। इस प्रक्रिया के चलते विभिन्न जिलों में मतदाता हटाए जाने की संख्या भी विवादित रही — जैसे कि पटना जिले में ड्राफ्ट सूची में लगभग 3,95,500 नाम हटाए गए थे।
यह विवाद तब और गहरा हो गया है जब उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि यदि SIR प्रक्रिया में किसी अनियमितता पाई जाती है, तो अंतिम सूची को रद्द किया जा सकता है। इस निर्णय का मतलब यह हुआ है कि जारी सूची को चुनौती के लिए दरवाज़ा अभी भी खुला है।