बिहार की राजनीति में गुरुवार को बड़ा राजनीतिक विस्फोट हुआ, जब भाजपा के एमएलसी नवल किशोर यादव ने अपनी ही सरकार के मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि राज्य के मंत्री ‘तोते’ की तरह बस वही बोलते हैं, जो नौकरशाह उन्हें पढ़ाकर भेजते हैं।
बिहार विधान परिषद में जब मंत्रियों के जवाबों को लेकर तीखी बहस हुई, तो सत्ता पक्ष के ही सदस्यों ने असंतोष जाहिर किया। विपक्ष तो पहले से ही सरकार पर हमलावर था, लेकिन जब सत्ता पक्ष के एमएलसी भी सरकार के मंत्रियों से नाराज नजर आए, तो मामला और गंभीर हो गया।
नवल किशोर यादव का तंज – “मंत्रियों को कुछ पता ही नहीं!”
भाजपा एमएलसी नवल किशोर यादव ने अपने ही मंत्रियों पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें तो सवालों का जवाब देना भी ठीक से नहीं आता। उन्होंने कहा कि “जो पूरक सवाल पूछे जाते हैं, कई मंत्री उसका सही जवाब ही नहीं दे पाते। मंत्रियों को समझना चाहिए कि सप्लीमेंट्री सवाल क्या होता है, प्रश्न क्या होता है, और जवाब क्या देना होता है।”
‘ट्रेनिंग कैंप’ की जरूरत!
नवल किशोर यादव यहीं नहीं रुके। उन्होंने साफ कहा कि मंत्रियों को ट्रेनिंग की जरूरत है। मंत्रियों को पहले यह सिखाया जाना चाहिए कि सदन में सवाल-जवाब का तरीका क्या होता है। बिना ट्रेनिंग के मंत्री बनाना, सरकार की फजीहत कराना है!
क्या मंत्रियों पर नौकरशाहों का कंट्रोल?
भाजपा एमएलसी का आरोप है कि बिहार सरकार के मंत्री स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नौकरशाह जो पढ़ाकर भेजते हैं, मंत्री वही तोते की तरह सदन में बोल देते हैं। इस वजह से मंत्रियों की गरिमा भी कम हो रही है।