बिहार में हिजाब विवाद (Hijab Controversy Bihar) अब केवल एक वीडियो या सोशल मीडिया बहस तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसका असर सरकारी नियुक्तियों और प्रशासनिक छवि पर भी दिखने लगा है। आयुष चिकित्सकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम से जुड़े इस मामले में अब यह चर्चा तेज हो गई है कि कथित तौर पर विवाद का सामना करने वाली महिला डॉक्टर ने बिहार सरकार की नौकरी करने से इनकार कर दिया है। हालांकि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इन खबरों को लेकर साफ कहा है कि उन्हें ऐसी किसी जानकारी की पुष्टि नहीं मिली है।
गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान मंगल पांडे ने कहा कि उनके संज्ञान में फिलहाल ऐसा कोई आधिकारिक तथ्य नहीं है जिससे यह साबित हो कि महिला आयुष चिकित्सक ने नौकरी ज्वाइन करने से मना कर दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने हमेशा महिलाओं को सशक्त बनाने का काम किया है। उनके अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर महिलाओं को मजबूत करने के लिए लगातार नीतियां बनाई गई हैं और यही कारण है कि चुनावों में मातृशक्ति ने सरकार को समर्थन दिया।
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स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित आयुष चिकित्सकों के कार्यक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। विपक्षी दलों के साथ-साथ महागठबंधन और एनडीए से जुड़े नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अलग-अलग दृष्टिकोण रखे हैं। मामला धीरे-धीरे महिला सम्मान, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सत्ता के व्यवहार जैसे बड़े सवालों से जुड़ता नजर आ रहा है।
इसी बीच मीडिया में यह खबर सामने आई थी कि जिस महिला आयुष डॉक्टर के नकाब को कार्यक्रम के दौरान हटाया गया था, उसने इस घटना के बाद बिहार सरकार की नौकरी स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए गए साक्षात्कार में महिला डॉक्टर के भाई ने दावा किया था कि इस घटना के बाद उनकी बहन मानसिक तनाव में है और वह इस कारण नौकरी करने को लेकर असमंजस में है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार चयनित आयुष चिकित्सकों को आगामी 20 दिसंबर तक अपना योगदान देना है। ऐसे में अगर किसी उम्मीदवार द्वारा नौकरी ज्वाइन न करने का फैसला लिया जाता है, तो यह न सिर्फ व्यक्तिगत निर्णय होगा बल्कि सरकार के लिए भी एक संवेदनशील स्थिति पैदा कर सकता है। यही वजह है कि इस पूरे घटनाक्रम पर राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक की नजर बनी हुई है।






















