बिहार सरकार ने साल 2025 के अंतिम महीने में प्रशासनिक ढांचे में बड़ा फेरबदल करते हुए 50 आईएएस (Bihar IAS Promotion) अधिकारियों को पदोन्नति देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। नीतीश कुमार मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद जारी इस आदेश को राज्य की नौकरशाही में लंबे समय से प्रतीक्षित बदलाव माना जा रहा है। इस फैसले से जहां कई जिलों की प्रशासनिक कमान और मजबूत होगी, वहीं उच्च स्तर पर भी नीतिगत निर्णयों में नई ऊर्जा देखने की उम्मीद है।
जारी आदेश के मुताबिक 1996 बैच के दो वरिष्ठ अधिकारियों को शीर्ष वेतनमान में प्रोफार्मा प्रोन्नति मिली है। इनमें भारतीय विमानपतन प्राधिकरण के अध्यक्ष विपिन कुमार और सीबीएसई के अध्यक्ष राहुल सिंह शामिल हैं, जो वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। उनकी प्रोन्नति उच्च स्तरीय प्रशासनिक नेतृत्व को और अधिक प्रभावी बनाएगी।
इसके अलावा 2001 बैच के श्रीधर चेरिबोलू, राजेश कुमार और मयंक वरवड़े को उच्च प्रशासनिक ग्रेड में प्रमोट किया गया है। इनमें राजेश कुमार कोसी प्रमंडल के आयुक्त के रूप में और मयंक वरवड़े बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक के रूप में पहले से ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। नए ग्रेड में प्रमोशन मिलने के बाद इनके विभागों में निर्णय-प्रक्रिया और प्रशासनिक क्षमता और तेज होने की उम्मीद है।
राज्य सरकार ने 2013 बैच के 27 आईएएस अधिकारियों को विशेष सचिव ग्रेड में प्रमोशन दिया है, जिनमें नौ जिलों के डीएम भी शामिल हैं। इस ग्रेड में पहुंचने के बाद जिलों का प्रशासन अधिक सशक्त होगा और विभिन्न विकास योजनाओं के कार्यान्वयन की गति बढ़ने की संभावना है। इसी बैच से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के निजी सचिव योगेंद्र सिंह को भी चयन ग्रेड विशेष सचिव बनाया गया है, जिसे केंद्र-राज्य प्रशासनिक तालमेल की मजबूती के रूप में देखा जा रहा है।
नीतीश सरकार के इस आदेश में 2016 बैच के 17 आईएएस अधिकारियों को अपर सचिव ग्रेड में प्रोन्नति दी गई है। इनमें आठ जिलों के डीएम भी शामिल हैं। भागलपुर के जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, पथ निर्माण विभाग की अपर सचिव शैलजा शर्मा, पश्चिम चंपारण के डीएम धर्मेंद्र कुमार, बांका जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला, मधुबनी जिलाधिकारी आनंद शर्मा, जमुई जिला अधिकारी नवीन समेत कई जिलों के डीएम को प्रोन्नति दी गई है।






















