बिहार में अवैध हथियारों और अनियमित लाइसेंस के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने बड़ा अभियान छेड़ने का ऐलान किया है। ADG (कानून व्यवस्था) कुंदन कृष्णन ने स्पष्ट किया कि नागालैंड और जम्मू-कश्मीर से लाए गए प्रतिबंधित हथियारों को लेकर तीन महीनों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिहार पुलिस की सख्ती
1. सिक्योरिटी एजेंसियों के पास अवैध हथियार:
पुलिस को सूचना मिली है कि कई प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियां प्रतिबंधित हथियारों का इस्तेमाल कर रही हैं, जो पिछले 10 वर्षों से बिहार में प्रतिबंधित हैं। अब इन पर जांच शुरू हो चुकी है।
2. लाइसेंस रद्द करने की तैयारी:
STF की समीक्षा में सामने आया कि 30 से अधिक आर्म्स शॉप केवल बोर्ड तक सीमित हैं, यानी फर्जी रूप से लाइसेंस लिए गए हैं। वहीं, बुजुर्गों और असमर्थ लोगों के हथियार लाइसेंस भी रद्द होंगे।
3. NADAL पोर्टल पर अनिवार्य पंजीकरण:
हर हथियार को अब भारत सरकार के नेशनल आर्म्स लाइसेंसिंग पोर्टल “NADAL” पर अनिवार्य रूप से पंजीकृत करना होगा। बिना पंजीकरण वाले हथियार जब्त किए जाएंगे।
4. कंट्री मेड हथियारों पर सख्ती:
ब्लैक मार्केट में 315 बोर की गोली की कीमत 400 रुपये तक पहुंच चुकी है, जबकि दुकानों पर इसकी अधिकतम कीमत 200 रुपये होनी चाहिए। इस पर रोकथाम के लिए ब्लैक सप्लाई चैन को तोड़ने की योजना बनाई गई है।
5. गोलियों की संख्या में कटौती:
जहां पहले लाइसेंस पर 200 गोलियां दी जाती थीं, अब नई नीति के तहत साल में 50 गोलियां ही इश्यू की जाएंगी, वह भी एक बार में सिर्फ 25। साथ ही, 80% खोखा लौटाने के बाद ही नई गोली दी जाएगी।