जनसुराज पोस्टर विवाद: बिहार की सियासत में जनसुराज का पोस्टर वार इन दिनों चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गया है। पटना की सड़कों पर लगे एक विवादित पोस्टर ने पूरे राज्य की राजनीति को नई दिशा दे दी है। इस पोस्टर में एनडीए के दिग्गज नेताओं अशोक चौधरी, संजय जायसवाल, दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी और मंगल पांडेय को अलग-अलग उपनामों से निशाना बनाया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इन नेताओं पर पहले ही जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में इस पोस्टर का जनसुराज या उसके समर्थकों से जुड़ा होना लगभग तय माना जा रहा है।
पोस्टर में अशोक चौधरी को ‘जमीन चोर’, संजय जायसवाल को ‘पेट्रोल चोर’, दिलीप जायसवाल को ‘कॉलेज चोर’, सम्राट चौधरी को ‘नाम बदलू’ और मंगल पांडेय को ‘कॉटन बैंडेज चोर’ बताया गया। पोस्टर लगाने वालों ने अपनी पहचान उजागर नहीं की है, लेकिन जिस तरह से आरोप प्रशांत किशोर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए आरोपों से मेल खाते हैं, उससे राजनीतिक गलियारों में जनसुराज की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
मामला तब और दिलचस्प हो गया जब राजद की प्रवक्ता प्रियंका भारती ने इस पोस्टर की तस्वीर ट्विटर पर साझा की। प्रियंका ने व्यंग्यात्मक अंदाज में लिखा कि मोदी जी के रत्नों की सूची किसी ने पटना में लगा दी है। फिर उन्हीं उपनामों को ट्वीट में दोहराया। इस कदम ने साफ कर दिया कि राजद भी इस मुद्दे को हवा देने में पीछे नहीं है।
वैसे जनसुराज पहले ही महागठबंधन और राजद पर आरोप लगाता रहा है, लेकिन अब इसके पोस्टर का इस्तेमाल राजद के प्रवक्ता द्वारा करना कई सवाल खड़े करता है। क्या तेजस्वी यादव की टीम सच में जनसुराज की पिच पर खेल रही है या यह सिर्फ एनडीए के खिलाफ माहौल बनाने का तरीका है?






















