Jehenabad teacher Dipti Rani: पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ हुई आपत्तिजनक टिप्पणी और बिहार बंद के दौरान हुई झड़प का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राज्य संपोषित बालिका इंटर विद्यालय की शिक्षिका दिप्ती रानी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने उन पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) सरस्वती कुमारी ने शिक्षिका को शो-कॉज नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।

4 सितंबर को बीजेपी ने पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां को गाली दिए जाने की घटना के विरोध में बिहार बंद का आह्वान किया था। इस दौरान जहानाबाद के अरवल मोड़ पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और शिक्षिका दिप्ती रानी के बीच बहस हो गई थी। दोनों ओर से तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ।
डीईओ द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि वायरल वीडियो में शिक्षिका ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है। विभाग ने इसे लोक सेवक आचार संहिता 2005 का उल्लंघन बताते हुए गंभीर अनुशासनहीनता करार दिया है। नोटिस में साफ कहा गया है कि अगर शिक्षिका ने समय पर अपना जवाब नहीं दिया तो विभाग स्वतः मान लेगा कि उन्हें आरोपों पर कुछ कहना नहीं है और फिर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
उधर, शिक्षिका दिप्ती रानी ने आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि वह किसी भी राजनीतिक दल की समर्थक नहीं हैं। घटना के दिन वह सिर्फ स्कूल जाने निकली थीं, लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें रास्ते में रोक दिया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने स्कूल जाने की जिद की, तो विवाद बढ़ गया। वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप था कि शिक्षिका ने पीएम मोदी को गाली दी और वह विरोधी दल की समर्थक हैं। पुलिस ने हस्तक्षेप कर शिक्षिका को सुरक्षित स्कूल तक पहुंचाया।
दरअसल, यह विवाद उस वक्त और गहरा गया जब 27 अगस्त को दरभंगा में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां को गाली देने के आरोप में 22 वर्षीय रिजवी उर्फ राजा को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसी मुद्दे पर 4 सितंबर को बीजेपी ने बिहार बंद का आयोजन किया था। जहानाबाद की घटना इसी बंद के दौरान हुई, जिसके बाद अब पूरा मामला राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से संवेदनशील हो गया है।






















