+++++++++++++++++++केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के कद्दावर नेता ललन सिंह (Lalan Singh) ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला। हालिया बयानों के जरिए उन्होंने न केवल तेजस्वी को राजनीतिक अधीरता का प्रतीक बताया, बल्कि यह भी सवाल उठा दिया कि चुनावी माहौल में बड़े-बड़े दावे करने वाले अब दिखाई क्यों नहीं देते। ललन सिंह ने तीखा तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव इतने उतावले थे कि वे 18 नवंबर को अपनी शपथ ग्रहण की तारीख तक खुद घोषित कर रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि जनता को यह भी बताएं कि अब वे कहां हैं और क्या स्थिति में हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता अब उस दौर को भूलना नहीं चाहती, जब शासन में अव्यवस्था, भय और आरोपों का माहौल बना रहता था। उनके मुताबिक, उस समय की याद से लोगों की ‘रूह कांप जाती है’।
महिलाओं को 10 हजार रुपये देने के मुद्दे पर विपक्ष के हमले का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम ही भ्रम फैलाना है। उनके मुताबिक, चुनाव हारने के बाद विपक्ष को खुद यह भी नहीं पता कि वह किस भूमिका में है, क्योंकि उनके नेता तो खुद अपने राजनीतिक अस्तित्व को लेकर भ्रमित हैं। ललन सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकार महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों को समय पर लागू करेगी और इसके लिए पूरा रोडमैप तैयार है।
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रोजगार और युवाओं से जुड़े मुद्दे पर भी उन्होंने दोहराया कि नीतीश कुमार द्वारा किए गए वादों पर सरकार पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। उन्होंने इसे नीतीश कुमार की राजनीतिक पहचान यानी उनकी यूएसपी बताया। ललन सिंह का दावा है कि नई सरकार आने वाले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराएगी और यह सिर्फ घोषणा नहीं, बल्कि एक तय एजेंडा है जिस पर गंभीरता से कार्य हो रहा है।
कांग्रेस द्वारा रामलीला मैदान में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण और वोट चोरी के आरोपों पर किए गए विरोध प्रदर्शन पर भी ललन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चोरी के मुद्दे पर बात करने से पहले कांग्रेस को अपनी स्थिति देख लेनी चाहिए, क्योंकि जनता अब उनकी बातों पर भरोसा नहीं करती। उनका कहना था कि जिन नेताओं की राजनीतिक जमीन लगातार सिकुड़ रही है, वे दूसरों पर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं।






















