बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav 2025) से पहले महागठबंधन ने अपनी चुनावी रणनीति में अतिपिछड़ा वर्ग (EBC) को केंद्र में रखकर बड़ा दांव खेलने का फैसला किया है। पटना में बुधवार को आयोजित होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव समेत गठबंधन के सभी शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे और अतिपिछड़ा समाज से जुड़े कई महत्वपूर्ण वादों का ऐलान करेंगे।
महागठबंधन अपने घोषणा पत्र को किस्तों में जारी करेगा, और इस चरण का मुख्य केंद्र बिंदु अतिपिछड़ा समुदाय होगा। सबसे अहम ऐलान के तौर पर गठबंधन सत्ता में आने पर आरक्षण की सीमा को 65 प्रतिशत तक बढ़ाने का वादा करेगा। खास बात यह है कि इस बढ़े हुए आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने की बात कही जाएगी, ताकि इसे अदालत में चुनौती देकर खारिज न किया जा सके। साथ ही, अतिपिछड़ों को राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर अधिक भागीदारी देने की भी घोषणा की जाएगी।
CWC मीटिंग में राहुल गांधी की एंट्री, कांग्रेस नेताओं ने नीतीश सरकार और BJP पर कसा तंज
यही नहीं, महागठबंधन एक स्पष्ट और प्रभावकारी जातीय जनगणना कराने का भी भरोसा दिलाएगा। इस कदम को न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा निर्णय माना जा रहा है, बल्कि यह उन वर्गों को आकर्षित करने की रणनीति भी है, जिनका वोट चुनावी नतीजे तय करने में निर्णायक साबित होता है।
कांग्रेस नेता शकील अहमद खा ने इस मौके पर पटना में चल रही कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक को बिहार कांग्रेस के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि सदाकत आश्रम और बिहार का इतिहास एक-दूसरे से गहराई से जुड़ा हुआ है और ऐसे समय में सीडब्ल्यूसी की बैठक होना राज्य के लिए खास है। शकील अहमद ने दावा किया कि मौजूदा सरकार का जाना तय है और कांग्रेस तथा महागठबंधन पूरी मजबूती से तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा कि सब कुछ पहले से तय है और जल्द ही औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा।






















