सीट बंटवारे पर सहमति बनने के बाद आज पटना में महागठबंधन की बड़ी बैठक (Bihar Mahagathbandhan Meeting) होने जा रही है, लेकिन इस मीटिंग से पहले ही पोस्टरों ने सियासी हलचल मचा दी है। पटना के एक बड़े होटल में आयोजित इस बैठक के पोस्टरों में सिर्फ तेजस्वी यादव की तस्वीर है, जबकि बाकी सहयोगी दलों के किसी भी नेता की फोटो नदारद है। पोस्टर पर सिर्फ अलग-अलग दलों के चुनाव चिन्ह हैं, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या महागठबंधन अब पूरी तरह “तेजस्वी केंद्रित” हो गया है?
इसी मुद्दे पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “तेजस्वी यादव ने अपने ही गठबंधन के नेताओं और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तस्वीर हटा दी है। जिस परिवार की राजनीति पर खड़े होकर वो नेता बने, आज उसी की तस्वीर से परहेज़ कर रहे हैं।” नीरज कुमार ने व्यंग्य करते हुए तेजस्वी को “राजनीतिक ड्राइवर” कहा और आरोप लगाया कि वह अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को हाशिए पर धकेलने की रणनीति अपना रहे हैं।
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नीरज कुमार ने एनडीए और महागठबंधन की सक्रियता की तुलना करते हुए कहा कि “एनडीए के नेता जनता के बीच हैं, जबकि तेजस्वी यादव अपने घर में बंद होकर रणनीति बना रहे हैं। शायद उन्हें जनता के सवालों से डर लगता है, क्योंकि लोगों को याद है कि उनके किए वादों का क्या हुआ।”
जेडीयू प्रवक्ता ने तेजस्वी यादव पर सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, बल्कि नीतीश सरकार की योजनाओं पर बयान देने को लेकर भी पलटवार किया। उन्होंने पूछा कि “तेजस्वी बताएं, राघोपुर में कितने स्वयं सहायता समूह (SHG) सक्रिय हैं? क्या उन्हें ‘जीविका’ का मतलब पता है? हमारी सरकार ने ‘जीविका दीदियों’ को मृत्यु सहायता और आर्थिक सुरक्षा दी है, लेकिन विपक्ष को सिर्फ आलोचना करनी आती है।”
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नीरज कुमार ने अपने बयान में व्यक्तिगत कटाक्ष करते हुए कहा, “जिसके पिता खुद नकलची रहे हों, उसका बेटा कितना नकलची होगा, यह जनता भलीभांति जानती है। तेजस्वी यादव झूठ बोलने की पुरानी आदत से बाज नहीं आ रहे।” उन्होंने कहा कि “तेजस्वी बताएँ कि ऐसा कौन-सा दस्तावेज है, जिसमें लिखा है कि सरकार द्वारा दिए गए ₹10,000 पर ब्याज लगाया जाएगा? जनता सब जानती है।”






















