बिहार की सियासत में सीट बंटवारे की जंग ने महागठबंधन (Mahagathbandhan Bihar 2025) के भीतर गहरी दरारें उजागर कर दी हैं। जहां एनडीए (NDA) एकजुट होकर रणनीति के साथ मैदान में उतर चुका है, वहीं महागठबंधन (Mahagathbandhan) के भीतर घमासान अपने चरम पर है। एनडीए नेताओं ने अब खुलकर महागठबंधन पर हमला बोलते हुए उसे “महाठगबंधन” तक कह डाला है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि महागठबंधन अब किसी चीज़ का नाम नहीं रह गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह गठबंधन सिर्फ इसलिए बना था क्योंकि एनडीए के खिलाफ कोई अकेले नहीं लड़ सकता था। गिरिराज सिंह ने लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका मकसद सिर्फ अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना था, मगर कांग्रेस ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया। यही कारण है कि अब महागठबंधन एक राजनीतिक “ढांचा” भर रह गया है, जिसकी आत्मा मर चुकी है।
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वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि एनडीए ने बिहार में सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की सूची जारी करने का काम सबसे पहले किया, जिससे जनता को साफ संदेश गया कि एनडीए एकजुट और संगठित है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर महागठबंधन में राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) के बीच सीटों को लेकर सिर फुटव्वल मचा है। जो दल आपसी तालमेल भी नहीं बैठा पा रहे, वे राज्य की सरकार कैसे चला पाएंगे? जायसवाल ने दावा किया कि NDA को दो-तिहाई बहुमत से जनता सत्ता में वापस लाने जा रही है।
राजीव प्रताप रूडी ने इसे “परिवारवाद की राजनीति” बताते हुए कहा कि कांग्रेस, राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) जैसी पार्टियों में सिर्फ परिवार की पकड़ है, न कि जनता की आवाज। ऐसे दलों में वर्चस्व की लड़ाई हमेशा रहती है, समझौते नहीं। उन्होंने विश्वास जताया कि बिहार में फिर NDA की ही सरकार बनेगी।
नितिन नबीन ने महागठबंधन को “अपमान की राजनीति” का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि “RJD ने अपने सहयोगियों का जिस तरह अपमान किया है, वो गठबंधन धर्म के खिलाफ है। जहां नींव ही ठगी और धोखे पर रखी हो, वहां स्थिरता की उम्मीद बेमानी है।”
भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने महागठबंधन को “महाठगबंधन” करार देते हुए कहा कि यहां टिकटों की खुलेआम बिक्री हो रही है, और कांग्रेस से लोग बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता अब इनकी राजनीति समझ चुकी है।
जदयू (JDU) नेता नीरज कुमार ने कहा कि “ये महागठबंधन का अंदरूनी मामला है लेकिन जब परिवार ही उलझ गया। कोई दादी का फोटो लेकर घूम रहा है कोई माता-पिता को नामांकन के लिए ले जा रहा है। महागठबंधन का घटक दल का नेता घोषित नहीं हुआ है…बिहार की जनता जानती है कि स्थायी सरकार वही दे सकता है जिसके पास निश्चय हो। निश्चय है नहीं, नेता है नहीं। राजनीति में जो दुर्गति पहले हुई है, वही हाल महागठबंधन का होगा।”
जदयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बिहार में गठबंधन टूट की कगार पर पहुंचा है। बिहार में JMM के साथ अपमानजनक व्यवहार हुआ है। JMM को झारखंड में RJD को बाहर करना चाहिए। बिहार में गठबंधन टूट गया है। उन्हें आधिकारिक घोषणा करनी चाहिए।






















