Voter Adhikar Yatra Bihar: राजद सांसद और वरिष्ठ नेता मनोज कुमार झा ने रविवार को ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ के औपचारिक समापन पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा अब किसी एक नेता या पार्टी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जनता की आवाज बन चुकी है। झा ने दावा किया कि बिहार का कोना-कोना “वोट चोर गद्दी छोड़” के नारों से गूंज रहा है और इस आंदोलन ने आम लोगों को गहराई से जोड़ दिया है।
मनोज झा ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर इतना बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की नीयत और नीतियों पर जनता का भरोसा डगमगाया है और यही कारण है कि यह आंदोलन संस्थाओं की सफाई का भी अवसर बन गया है। उनके अनुसार लोकतांत्रिक संस्थाओं को किसी राजनीतिक दल के एजेंट की तरह नहीं दिखना चाहिए, क्योंकि इससे लोकतंत्र कमजोर होता है।
झा ने यह भी कहा कि मतदाता अधिकार यात्रा ने सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में संदेश दिया है कि चुनाव आयोग समेत हर संस्था को निष्पक्ष और पारदर्शी रहना होगा। उन्होंने कहा कि यह यात्रा राहुल गांधी या तेजस्वी यादव की व्यक्तिगत पहल भर नहीं रही, बल्कि यह करोड़ों मतदाताओं की आवाज बनकर उभरी है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस यात्रा ने चुनावी राजनीति की दिशा बदलने की नींव रख दी है। जनभागीदारी से यह स्पष्ट है कि लोग केवल चुनावी रैलियों से संतुष्ट नहीं हैं, बल्कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों और पारदर्शिता की गारंटी चाहते हैं। बिहार की सड़कों से उठी यह आवाज अब राष्ट्रीय बहस का विषय बन गई है और आने वाले चुनावों पर इसका असर साफ दिख सकता है।






















