बिहार के नालंदा जिले में हुई मॉब लिंचिंग (Bihar Mob Lynching) की दर्दनाक घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में अब पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद खुलकर सामने आ गई है। संगठन ने इस जघन्य घटना में मारे गए अतहर हुसैन के परिजनों के लिए विशेष लीगल पैनल गठित करने का फैसला किया है, ताकि मामला सिर्फ एफआईआर और जांच तक सीमित न रह जाए, बल्कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर आधिकारिक पोस्ट के जरिए दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अतहर हुसैन की पत्नी की अपील पर जमीयत की कानूनी सहायता समिति सक्रिय हुई है और संगठन इस मामले में हस्तक्षेपकर्ता के रूप में याचिका दायर करेगा। इसका मतलब यह है कि जमीयत न केवल कानूनी मदद देगी, बल्कि पूरे केस की निगरानी भी करेगी ताकि किसी भी स्तर पर न्याय से समझौता न हो।
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मौलाना मदनी ने अपने बयान में यह भी संकेत दिया कि सुप्रीम कोर्ट की सख्त गाइडलाइंस के बावजूद मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं का होना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति दर्शाती है कि ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों को कहीं न कहीं राजनीतिक संरक्षण और समर्थन मिलता है, जिससे उनके हौसले बुलंद रहते हैं। उन्होंने मॉब लिंचिंग को सांप्रदायिक नफरत की राजनीति का नतीजा बताया और कहा कि यह प्रवृत्ति देश की एकता और भाईचारे के लिए घातक है।
घटना के विवरण ने पूरे देश को झकझोर दिया है। नालंदा जिले में एक गरीब रेहड़ी-पटरी लगाने वाले अतहर हुसैन को कथित तौर पर नाम और धर्म पूछने के बाद बेरहमी से पीटा गया। गंभीर चोटों के कारण उसकी मौत हो गई। यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि संविधान में दिए गए जीवन और समानता के अधिकार पर सीधा हमला माना जा रहा है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद का कहना है कि मजबूत कानूनी लड़ाई के जरिए न केवल पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जाएगा, बल्कि यह संदेश भी दिया जाएगा कि मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। संगठन का मानना है कि अगर इरादे मजबूत हों तो निराशा के अंधेरे में भी उम्मीद की रोशनी जलाई जा सकती है। यही वजह है कि यह केस अब केवल बिहार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर न्याय और मानवाधिकारों की बहस को नई दिशा देगा।
















